NEWSPR डेस्क। स्वतंत्रता संग्राम को अपने क्रांतिकारी विचारों के माध्यम से गति प्रदान करने वाले महान क्रान्तिकारी, स्वतंत्रता सेनानी बिपिनचंद्र पाल जी की आज जयंती है। इस मौके पर जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि वो देश के शीर्ष नेता हैं, जिन्होंने स्वाधीनता आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाए हैं। साथ ही कहा कि बिपिन चंद्र पाल अन्याय व कुरीतियों के विरुद्ध दृढ़ता के साथ खड़े रहे और लड़े, वह भावी पीढ़ियों को मजबूती से अपने सच्चे व अच्छे विचारों के साथ जीने की प्रेरणा देगा।
बिपिन चंद्र पाल का आज के ही दिन 1858 में जन्म हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का जन्म 7 नवम्बर, 1858 को सिलहट, जिला हबीबगंज (वर्तमान में बांग्लादेश) में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही फारसी भाषा में हुई। बाद मे वो उच्च शिक्षा के लिए कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) आ गए। यहां उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज में एडमिशन लिया, लेकिन किसी वजह से उन्होंने ग्रेजएट होने से पहले ही पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने एक स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर ली। इसके बाद उन्होंने कोलकाता से भारतीय स्वधीनता आंदोलन की रुपरेखा तैयार की।
बिपिन चंद्र पाल कुछ दिनों के लिए बीच में इंग्लैंड चले गए और ‘स्वराज पत्रिका’ का प्रकाशन शुरू किया, हालांकि बाद में उन्हें अपना प्रकाशन बंद करना पड़ा। इसके बाद वो वापस भारत लौट आए। इसके बाद उन्होंने स्वराज की आवाज भारतीयों तक पहुंचाने के लिए कई समाचार पत्र निकाले और लोगों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए अपील की। बता दें कि इस दौरान उन्हें कुछ दिनों के लिए जेल में भी रहना पड़ा। 20 मई 1932 को उन्होंने आखिरी बार सांस ली।