NEWSPR डेस्क। पटना जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। सरकार से अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है। हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हुई है। इधर पटना मेडिकल कॉलेज में बाहरी डॉक्टरों को लगाने की तैयारी है। सिविल सर्जन का कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज मांग करता है तो डॉक्टरों की व्यवस्था की जाएगी।
शुक्रवार को क्रिसमस की छुट्टी होने के कारण OPD बंद रही, लेकिन हड़ताल का असर मरीजों के उपचार पर पड़ा है। पटना मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भीड़ के बीच सुबह से ही डॉक्टरों की नारेबाजी चल रही है। वे तीसरे दिन भी काम से अलग रहे, जिस कारण मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था प्रभावित है।
बेरहम है डॉक्टर साहेब:
मखनिया कुआँ से आये पीड़ित रंजीत कुमार ने कहा की दो दिनों से भटक रहे है लेकिन डॉक्टर साहेब को शर्म नहीं आ रही है बड़े बेरहम है डॉक्टर साहेब अगर सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुई तो मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। लगातार तीन दिनों से OPD में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। अगर कोई पहल नहीं हुई तो शनिवार को हड़ताल और रविवार को अवकाश के कारण OPD बंद रहेगी। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
पटना मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर बिमल कारक का कहना है कि हड़ताल का असर व्यवस्था पर नहीं पड़े, इसके लिए बाहर से 50 डॉक्टर की डिमांड की गई है। उनका कहना है कि सिविल सर्जन से इसके लिए डिमांड की गई है, लेकिन सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि उन्हें किसी भी मेडिकल कॉलेज से कोई डिमांड लेटर नहीं मिला है। अगर डिमांड की जाती है तो डॉक्टर की व्यवस्था की जाएगी।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…