भागलपुर के कतरनी चूड़ा की खुशबू भागलपुर ही नहीं बल्कि देश-विदेश तक फैली हुई है। लोगों तक कतरनी चूड़ा को पहुंचाने के पीछे किसान की कड़ी मेहनत है।
कतरनी धान का फसल तैयार करने में किसानों को जहां कठिन मेहनत करनी पड़ती है वहीं इस चूड़ा को बनाने के लिए मिल में मजदूरों को कई दिनों तक कई सारी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है तब जाकर कतरनी चूड़ा तैयार होकर बाजार तक पहुंचता है। भागलपुर के कतरनी चूड़ा की खरीदारी बांका मुंगेर सहित कई जिलों और पड़ोसी राज्य झारखंड बंगाल से लोग भागलपुर के बाजार आते हैं। कतरनी चूड़ा की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2017 में जी आई टैग भी प्रदान किया है।