खैनी, मोबाइल, गांजा और नींद की गोली…पुलिस वालों को सेट कर बिहार की जेलों में कीजिए मौज

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पटना बिहार की जेलों में कैदियों को मोबाइल, नींद की गोली, नशे की सामग्री और सिगरेट आसानी से उपलब्ध है। जेल मैनुअल में जो चीजें प्रतिबंधित हैं, वो आसानी से कैदियों को मिल रही हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब एक पुलिस अधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया। ये पूरा मामला बिहार के सबसे बड़े जेल बेउर का है। जी हां, बेउर जेल। जहां बाहुबलियों के अलावा कई वीआईपी बंद हैं। इस जेल में कैदियों को आसानी से नशे की सामग्री और मिठाई के डब्बे में सिगरेट का पैकेट मुहैया करा दिया जा रहा है। खुलासे के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

बताया जा रहा है कि लोजपा नेता बृजनाथी सिंह के हत्या के आरोपी मुन्ना सिंह और रणविजय समेत चार कैदियों को पुलिसवालों ने पैसे लेकर नशे की सामग्री मुहैया कराई। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन कैदियों को कोर्ट में पेशी के दौरान नजराना लेकर पुलिसवालों ने 19 मोबाइल, सिगरेट, नींद की गोली, गांजा जेल के अंदर ले जाने की छूट दी। खुलासा होने के बाद एक एएसआई, एक हवलदार और तीन सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद बेउर थाने में केस दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया गया।

गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में शामिल एएसआई रामकिशोर, हवलदार छविनाथ सिंह, सिपाही हंसराज तिवारी, विकास कुमार और राजीव कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड भी कर दिया गया है। पांचों पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिन कैदियों के पास से आपत्तिजनक सामग्री मिली थी, उनमें वैशाली के रहने वाले मुन्ना, रणविजय के अलावा मनेर के रहने वाले विक्की शामिल हैं। इसके अलावा सुल्तानगंज का एक और कैदी छोटू उर्फ प्रिंस भी शामिल है। इन चारों पर भी मामला दर्ज करने के बाद जेल प्रशासन ने उन्हें सेल में डाल दिया है।

कैदियों के पास खैनी, गांजा और मादक पदार्थ के अलावा मोबाइल होने की जानकारी जैसे ही जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार को मिली, उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को कैदियों की तलाशी में लगा दिया। उसके बाद जब उनकी तलाशी हुई, तब उनके पास से 19 मोबाइल, चार्जर , खैनी, गांजा और नींद की गोली बरामद की गई। मिठाई के डिब्बे में सिगरेट रखा हुआ मिला। उसके बाद जेल प्रशासन की ओर से ये जानकारी एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को दी गई। एसएसपी ने इसकी जांच का जिम्मा फुलवारी के एएसपी मनीष और बेउर थानेदार अतुलेश को दी। जांच में पता चला कि इन पुलिसकर्मियों ने भारी नजराना लेकर कैदियों को ये सामग्री मुहैया कराई है। उसके बाद एसएसपी ने उन्हें निलंबित कर गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया।

पटना एसएसपी ने मीडिया को बताया कि इन पुलिसकर्मियों ने गंभीर लापरवाही की है। इनकी वजह से जेल में एक साथ 19 मोबाइल पहुंचा। हालांकि, बेउर जेल में ये कोई नया मामला नहीं है, जब आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है। इससे पूर्व भी छापेमारी में मोबाइल के साथ चार्जर और भारी मात्रा में गांजा बरामद हो चुका है। जांच में साबित हो चुका है कि ये कैदी पुलिसकर्मियों को सामग्री अंदर ले जाने के लिए भारी कीमत चुकाते हैं। कहा जा रहा है कि ये खेल बहुत दिनों से जारी है। कोर्ट में पेशी के लिए कैदियों के साथ जाने के लिए पुलिसकर्मी मारपीट तक पर उतारू हो जाते हैं। क्योंकि, कैदियों को सुविधा देने से इनकी आमदनी में इजाफा होता है। फिलहाल, मामला सामने आने के बाद पूरे बिहार में हड़कंप मचा हुआ है।

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