NEWSPR डेस्क। शनिवार को विशेष रूप शनिदेव की पूजा की जाती है। शनि देव ग्रहों में न्यायकर्ता माने जाते हैं। हर व्यक्ति के द्वारा किये जाने वाले कार्य का फल शनि भगवान ही देते हैं। व्यक्ति की आजीविका, रोग और संघर्ष शनि के द्वारा ही निर्धारित होते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। इसके साथ ही करियर और धन के मामले में सफलता भी पा सकता है।यहां यह भी जानना चाहिए कि शनि देव की पूजा समझकर सावधानी के साथ ही की जानी चाहिए। ऐसा करने से ही यह तुरंत फलदायी होती है।
शनिदेव की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान …
* शनि देव की पूजा शनि की मूर्ति के समक्ष न करें।
* शनि के उसी मंदिर में पूजा आराधना करनी चाहिए जहां वह शिला के रूप में हों।
*प्रतीक रूप में शमी के या पीपल के वृक्ष की आराधना करनी चाहिए।
* शनि देव के समक्ष दीपक जलाना सर्वश्रेष्ठ है, परन्तु तेल उड़ेल कर बर्बाद नहीं करना चाहिए।
*जो लोग भी शनि देव की पूजा करना चाहते हैं, उनको अपना आचरण और व्यवहार अच्छा रखना चाहिए।
किस प्रकार करें शनि देव की पूजा?
* शनिवार के दिन पहले शिव जी की या कृष्ण जी की उपासना करें।
* उसके बाद सायंकाल शनि देव के मन्त्रों का जाप करें।
* पीपल के वृक्ष की जड़ में जल डालें, उसके बाद वृक्ष के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
* किसी गरीब व्यक्ति को एक वेला का भोजन जरूर कराएं।
*इस दिन भूलकर भी तामसिक आहार ग्रहण न करें।
शनि देव को प्रसन्न करने के मंत्र..
*”ॐ शं शनैश्चराय नमः”
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
*”ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।