लोजपा यानि की लोक जनशक्ति पार्टी l ये पार्टी सन 2000 में बनी और तब से बिहार की राजनीती में सक्रिय भूमिका निभा फिर है l पार्टी का कमान ज़ब तक दिवंगत नेता केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के हाथों में था तब तक पार्टी में शामिल सभी नेता हर जीत का स्वाद साथ मिल कर चखते थे लेकिन शायद अब यह सुनने को भी मिल सकता है की लोजपा का अस्तित्व अब राजनीतिक रूप से खत्म हो गया है l
क्या है पूरा मामला
लोजपा के पांचों लोकसभा सांसद पार्टी छोड़ जदयू में शामिल हो सकते हैं l दरअसल, दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से उनके बेटे चिराग पासवान के हाथ में पार्टी की कमान है l ये पांच सांसद चिराग पासवान के कामकाज करने के तरीके से नाराज बताए जा रहे हैं और इसीलिए अब ये खबर सामने आ रही है की लोजपा के सांसद किसी भी वक़्त जदयू ज्वाइन कर सकते हैं l
कौन हैं वो पांच सांसद
जिन सांसदों की बात हो रही हैं वो राम विलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस पासवान, चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब केसर अली हैं l इन पांचों सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता भी चुन लिया है l
क्यों है नाराजगी
बीते साल बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह से चिराग पासवान ने एनडीए का हिस्सा रहते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ा था उससे ये सांसद नाराज बताए जा रहे हैं l पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के पत्र लिखकर खुद को अलग मान्यता देने की मांग की है l
पशुपति पारस ने पिछले कुछ दिनों में जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह के साथ कई दौर की बातचीत की है इसके बाद यह फैसला लिया गया है l
गौरतलब है कि बीते बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर जीते एक मात्र विधायक ने भी जदयू का दामन थाम लिया था l
अगर लोजपा के ये सांसद जदयू का दामन थामते हैं तो यह चिराग के लिए एक बड़ा झटका होगा l इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में चिराग ने जिस तरह से जदयू को नुकसान पहुंचाया था उसको देखते हुए यह बदले के रूप में भी देखा जा रहा है l