मदरसा बोर्ड के 100 साल पूरे, नीतीश बोले– सभी तबकों के विकास के लिए काम कर रही सरकार

Jyoti Sinha

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बापू सभागार में बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड, पटना के शताब्दी समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि मदरसा बोर्ड ने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और आज हजारों लोग इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बने हैं।

सीएम ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ था। एनडीए सरकार बनने के बाद से ही कब्रिस्तानों की घेराबंदी, मदरसों का निबंधन और मान्यता सहित कई अहम पहल की गईं। मदरसा शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है।

उन्होंने याद दिलाया कि 1989 के भागलपुर दंगे की सही जांच पूर्ववर्ती सरकारों ने नहीं कराई थी। 2005 में नई सरकार के आते ही जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हुई और पीड़ितों को मुआवजा व पेंशन उपलब्ध कराया गया। साथ ही मुस्लिम परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं को 2007 से आर्थिक सहायता दी जा रही है, जो अब बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट 2004-05 में महज 3.54 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1080 करोड़ हो गया है। मुस्लिम युवाओं की शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि हाल ही में वृद्धजन, दिव्यांग और विधवा महिलाओं की पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी गई है। 2018 तक हर घर में बिजली पहुंचाई गई और अब लगभग सभी घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।

सीएम नीतीश ने कहा कि 2024-25 की प्रगति यात्रा के दौरान जो कमियां सामने आईं, उन्हें दूर करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की 430 नई योजनाओं को स्वीकृति दी गई है। उन पर काम शुरू हो चुका है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्यवासियों की हर जरूरत और समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी वर्गों—हिंदू, मुस्लिम, पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और महादलित—के लिए बराबर काम कर रही है।समारोह में मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र, टोपी और मखाने की माला पहनाकर सम्मानित किया गया।

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