बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और बिहार की शान, मनोज बाजपेयी इन दिनों अपने पैतृक गांव बेलवा के दौरे पर हैं। गांव में पहुंचते ही उन्होंने गांगुली नदी के भीषण कटाव को लेकर गहरी चिंता जताई। अभिनेता ने भावुक होकर कहा, “जिस धरती ने मुझे नाम और पहचान दी, उसका कर्ज चुकाना अभी बाकी है।”
गांव के लोगों से मुलाकात के दौरान जब उन्होंने गम्हरिया गांव के ग्रामीणों से नदी कटाव की दर्दभरी कहानी सुनी, तो वे खुद को रोक नहीं पाए और सीधे उस स्थल पर पहुंचे जहां हर साल किसान अपनी जमीन खो देते हैं। कटाव की भयावह स्थिति देखकर उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मिट्टी का कटाव नहीं है, बल्कि यह हमारे भविष्य का कटाव है। अगर वक्त रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह गांव और यहां के किसान इतिहास बन जाएंगे।”
मनोज बाजपेयी ने आश्वासन दिया कि वो इस मुद्दे को जिलाधिकारी तक जरूर पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ ग्रामीणों की नहीं, मेरी भी लड़ाई है। फिल्मी दुनिया मेरी पहचान हो सकती है, लेकिन यह गांव मेरी आत्मा है। इस संकट की घड़ी में मेरी भी जिम्मेदारी बनती है कि मैं कुछ करूं।”
उन्होंने अपने करीबी मित्रों – शैलेन्द्र प्रताप सिंह, ज्ञानदेव देव मणि त्रिपाठी, राकेश राव, नितेश राव और दीपेन्द्र बाजपेयी – के साथ मिलकर समस्या पर विस्तार से चर्चा की और भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में समाधान की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।