NEWSPR डेस्क। जम्मू कश्मीर में शहीद हुए मुंगेर के लाल विशाल की उसके गांव नाकी से अंतिम यात्रा निकाली गई। हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद जवान अमर रहे, भारत माता की जय के नारे लगाए। शहीद की जब अंतिम यात्रा निकली तो शहीद के पार्थिव शरीर पर पूरे रास्ते लोगों ने फूलों की बारिश की। वहीं जिले के डीएम एसपी सहित कई आला अधिकारियों ने साथी सीआरपीएफ के डीआईजी ने पुष्प चढ़ा अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वहीं जिला बल और CRPF के जवानों ने अपने शहीद जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
शहीद जवान अमर रहे के लगे नारे
शहीद जवान के पार्थिव शरीर के साथ चलते हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद जवान अमर रहे, भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। मौके पर पहुंचे सीआरपीएफ के डीआईजी तथा जिला के जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि जिलेवासियों के लिए जहां गम की भी बात है तो गर्व करने की भी बात है। जिला प्रशासन से जो भी सुविधा मुहैया होगी वह शहीद के परिजनों को उपलब्ध कराया जाएगा। तत्काल में सरकार की ओर से दी जाने वाली 11 लाख की राशि पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई है। वहीं CRPF के DIG ने बताया कि सीआरपीएफ के तरफ से और केंद्र सरकार की ओर से लगभग तय राशि के साथ हर संभव मदद की जाएगी ।
सुल्तानगंज में अंतिम विदाई
बता दें कि अंतिम यात्रा पर निकले शहीद का पार्थिव शरीर सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा घाट पहुंचा। जहां गॉड ऑफ ऑनर दिया गया और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान सुल्तानगंज विधायक डॉ.प्रो.ललित नारायण मंडल, भागलपुर डीएम सुब्रत कुमार सेन, एएसपी बाबुराम, मुंगेर डीएम, एसपी, डीआईजी, सुलतानगंज प्रखंड के विकास पदाधिकारी मनोज कुमार मुर्मु, सीओ शंभुशरण राय, थानाध्यक्ष लाल बहादुर, सरकिल इंस्पेक्टर रतनलाल ठाकुर सहित तमाम विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
विशाल कुमार अपने घर में सबसे छोटा था और काफी हंसमुख स्वभाव का व्यक्ति था। जब भी गांव आता था तो लोगों से मिलजुल कर हाल समाचार लेते रहता था। छुट्टी पर आने के बाद दस दिन पूर्व ही वह वापस अपने ड्यूटी पे लौटा था। पत्नी बबिता ने बताया की 5 मार्च को आए थे। इलाज के लिए और 25 मार्च को ड्यूटी पर वापस गए थे और चार की सुबह ही उनसे बात हुई थी । उसके बाद फोन नहीं आया जब रात में सीआरपीएफ के अधिकारियों का फोन आया तो घटना की जानकारी मिली । वहीं शहीद की बेटी बिहू ने तोतली जबान में बताया की उसके पापा जम्मू काश्मीर में है और उनको गोली लगी है ।
बता दें कि विशाल कुमार उर्फ धर्मेंद्र जम्मू कश्मीर के मैसुमा लालचौक के पास आतंकियों के एक कायराना हमले में शहीद हो गए। विशाल सीआरपीएफ जवान थे और कश्मीर में पोस्टेड थे। मैसुमा लालचौक कश्मीर में आतंकियों के छुपकर किए गए हमले में विशाल शहीद हो गए। शहीद जवान अपने पीछे बूढ़े पिता के अलावा बीबी और दो बेटियों को छोड़ देश पर अपनी जान न्यौछावर कर दिया। विशाल ने 2003 में CRPF जॉइन किया था। अपनी बेटी के एडमिसन के लिए 10 दिन के लिए घर आया था। 25 मार्च को वापस ड्यूटी पर गया था। 2009 में खड़गपुर शिमपुर बबिता देवी से विवाह हुआ था। बिहू भारती और सृष्टि दो बेटी है। बड़ी बेटी सात वर्ष की और छोटी चार वर्ष की है।
मुंगेर से मो.इम्तियाज और भागलपुर से श्यामानंद की रिपोर्ट