मेवालाल की मुसीबत बढ़ना तय, अब राजभवन तक फिर पहुंचेगा मामला

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। बिहार में नई सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की मुसीबत और बढ़ती दिख रही है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और उनके खिलाफ मामला न्यायालय में चल रहा है। तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के बावजूद नीतीश कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई थी लेकिन मामले ने इतना तूल पकड़ा कि आखिरकार मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा। मेवालाल चौधरी के खिलाफ केस में पुलिस भी एक्टिव हो गई है और मामला एक बार फिर राजभवन तक जा सकता है।

दरअसल मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एसएसपी आशीष भारती ने अभियोजन की स्वीकृति के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है। एसएसपी के पत्र के बाद कुलपति डॉ एके सिंह ने राजभवन से निर्देश लेने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। कुलपति डॉ ए के सिंह राजभवन के साथ-साथ कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने की तैयारी में हैं। मेवालाल चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने कुलपति रहते बीएयू में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता की।

कानूनी जानकारों के मुताबिक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के पहले अभियोजन की स्वीकृति जरूरी है। इसी सिलसिले में एसएसपी ने मेवालाल चौधरी और बीएयू के तत्कालीन सहायक निदेशक डॉ एमके वाधवानी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए आदेश की मांग की है। माना जा रहा है कि बीएयू की तरफ से आज इस पत्र का जवाब दिया जाएगा।

कुलपति डॉ एके सिंह ने कहा है कि इस मामले में वह कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के निर्देश के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। कानूनी जानकारों के मुताबिक अब कुलपति को कुलाधिपति सह राज्यपाल से अभियोजन की स्वीकृति का आदेश लेना होगा। कुलाधिपति के आदेश के बाद ही पुलिस चार्जशीट दायर कर पाएगी और उसके बाद निगरानी कोर्ट में ट्रायल की शुरुआत होगी। फिलहाल हाईकोर्ट से मेवालाल चौधरी और डॉ एमके वाधवानी जमानत पर हैं।

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