पटना,। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कि तेजस्वी यादव ये कब समझेंगे कि प्राकृतिक आपदाएं राजनीतिक तुष्टिकरण का साधन नहीं होता बल्कि पीड़ितों के सहायतार्थ उपलब्ध होने का वक्त होता है। 2017 के बाढ़ के वक्त भी भ्रष्टाचार के महामंडलेश्वर कैदी नंबर 3351 सारण में बाढ़ आपदा को गंगा मैया की कृपा बताकर बाढ़ पीड़ितों को भाग्यशाली घोषित कर ज्ञान बाँट रहे थे कि जान बचाइए, दूध चढ़ाईए और पूजा कीजिए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग पीड़ितों का माखौल उड़ा आनंदित होते हैं, लेकिन माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी इस मामले में संवेदनशील हैं उन्होंने हमेशा कहा कि सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है जो कि उनके द्वारा राहत कार्यों को लेकर उठाए गए कदमों से प्रत्यक्ष प्रकट भी होता है।
उन्होंने कहा कि 2017 में सारण जिला में जब राजद प्रमुख लालू यादव बाढ़ पीड़ितों का माखौल उड़ा रहे थे उस समय भी हमारी सरकार ने सारण जिले में 59 राहत शिविर और सामुदायिक रसोई संचालित कर रखा था, 97 हजार 979 फुड पैकेट वितरित किया था। इसके साथ ही साथ बाढ़ प्रभावित 66 हजार 591 परिवारों को प्रति परिवार 6 हजार रुपए की दर से 39 करोड़ 95 लाख 46 हजार की राहत राशि वितरित की थी।
उन्होंने कहा कि इस बार भी कल की तारीख तक सारण जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 160 नाव, 19 मोटरवोट और एनडीआरएफ की 5 टीम कार्यरत है। 123 सामुदायिक किचेन संचालित है जिसमें लगभग 73 हजार लोग भोजन कर रहे हैं। 8 पशु कैंप संचालित हैं जिसमें कल तक 55 क्विंटल चारा वितरित किया गया, वो वक्त और था जब लोग जानवरों का चारा हजम कर जाते थे और डकार तक नहीं लेते थे। 26 हजार 312 पोलीथीन सीट्स का वितरण किया गया है। कल तक बाढ़ प्रभावित 51 हजार 176 परिवारों को प्रति परिवार 6 हजार रुपए की दर से 30 करोड़ 70 लाख 56 हजार की राहत राशि भी दी जा चुकी है।