बिहार में मतदाता सूची से हटेंगे 61 लाख से अधिक नाम, चुनाव आयोग ने दिया बड़ा अपडेट

Jyoti Sinha

पटना-
बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत 61.1 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 24 जुलाई को दी है। आयोग ने बताया कि गणना प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि से पहले 99% मतदाताओं से संपर्क किया जा चुका है।

बिहार में कुल 7.9 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से अब तक 7.21 करोड़ लोगों ने फॉर्म जमा कर दिया है। केवल करीब 7 लाख मतदाता ऐसे हैं जिन्होंने अपने प्रपत्र वापस नहीं किए हैं।


हर विधानसभा क्षेत्र में 25,000 नाम होंगे विलोपित!

चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए आँकड़ों के अनुसार:

  • 21.6 लाख मतदाता मृत घोषित
  • 31.5 लाख स्थायी रूप से बिहार से बाहर
  • 7 लाख दोहराव वाले नाम
  • 1 लाख मतदाता अप्राप्य या पता नहीं

इन आंकड़ों के आधार पर, राज्य की 243 विधानसभा सीटों में प्रति क्षेत्र औसतन 25,144 नाम हटाए जा सकते हैं। इसका सीधा असर आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि 2020 के चुनावों में कई सीटों पर बेहद कम अंतर से परिणाम आए थे।


पिछले चुनावों की स्थिति

2020 के विधानसभा चुनाव में:

  • 11 सीटों पर जीत का अंतर 1,000 से कम था
  • 35 सीटों पर 3,000 से कम मतों से नतीजे आए
  • 52 सीटों पर 5,000 से कम मतों का फासला रहा

विपक्षी महागठबंधन (राजद, कांग्रेस समेत अन्य दल) कई करीबी मुकाबलों में पीछे रह गया था, जिनमें से 27 सीटों पर 5,000 से कम वोटों का अंतर रहा।


विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार ने दिया जवाब

विपक्षी दलों ने इस गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और इसे जल्दबाजी में किया गया निर्णय बताया है। लेकिन संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा कि 2003 में भी यह प्रक्रिया केवल एक महीने में पूरी हुई थी। उन्होंने बताया कि गहन पुनरीक्षण हर 20 से 22 वर्षों में होता है और इस बार भी आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य कर रहा है।


1 अगस्त से दर्ज कर सकेंगे आपत्ति

चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद:

  • यदि किसी का नाम सूची में नहीं है, या गलत तरीके से जुड़ा है,
  • तो राजनीतिक दल या नागरिक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों को सूची की प्रिंट और डिजिटल कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी, और इसे आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा।

इन दलों में शामिल हैं:
BJP, कांग्रेस, RJD, JDU, AAP, BSP, भाकपा (माले), भाकपा (माकपा), लोजपा (रामविलास), रालोसपा, रालोजपा और NPP

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