NEWSPR डेस्क। मुंगेर की बड़ी दुर्गा की भव्य व आकर्षक प्रतिमा की चर्चा स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि दूसरों राज्यों में भी हो रही है. मुंगेर बड़ी देवी की प्रतिमा का विरजमान होना का एक अलग परम्परा है उसी प्रकार मां के विसर्जन की भी एक अलग ढंग है।
यहां मां का विसर्जन के लिए 32 कहारों के कन्धों पर जाती हैं. ये परम्परा कब से चली आ रही है इसकी किसी को जानकारी नहीं है। बड़ी दुर्गा की विसर्जन शोभायात्रा दशवीं की शाम 32 कहारों पर निकलती है और इनके विसर्जन में करीब 20 घंटों का समय लगता है। आपको बता दें कि पंडाल से प्रतिमा विसर्जन स्थल की दूरी दो किलोमिटर की है। इसके बावजदू प्रतिमा को यहां पहुंचाने में 20 घंटे का वक्त लगता है।
परंपरा के अनुसार ही इस बार भी मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। विसर्जन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। 32 कहारों ने अपने कंधों पर उठाकर मां को विसर्जन स्थल पर ले गये। इस दौरान भक्तों की भीड़ देखी गई। भक्तों ने रास्ते में मां की प्रतिमा पर फूलों का वर्षा किया। जगह-जगह रोककर मां का स्वागत कर विदाई दी। बड़ी दुर्गा के विसर्जन के बाद छोटी दुर्गा एवं क्रमानुसार अन्य दुर्गा प्रतिमाओं का विर्सजन होता है।
मुंगेर से इम्तियाज खान की रिपोर्ट…