बिहार के सीतामढ़ी जिले में छात्रों के लिए बनाए जा रहे अपार कार्ड का कार्य बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। जिले में 5.52 लाख छात्रों के लिए अपार कार्ड बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अब तक केवल 49,081 कार्ड ही तैयार हो सके हैं। इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीपीओ) ने गहरी नाराजगी जताई है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
क्या है अपार कार्ड?
अपार कार्ड एक डिजिटल आईडी कार्ड है, जो छात्रों के शैक्षणिक और अन्य रिकॉर्ड को समेटे रखता है। इसमें छात्र का नाम, पता, फोटो, शैक्षणिक योग्यता, खेल-कूद में उपलब्धियां और अन्य संबंधित जानकारियां होती हैं। यह कार्ड छात्रों के शैक्षणिक और करियर से जुड़े भविष्य के कामों में मददगार होगा।काम में लापरवाही क्यों?डीपीओ ने बताया कि जिले के प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों को भी अपार कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल इस कार्य में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के 2915 सरकारी और निजी स्कूलों में से 1235 स्कूलों में अब तक इस कार्य की शुरुआत भी नहीं हुई है। इस लापरवाही को लेकर संबंधित प्रधानाध्यापकों और निजी स्कूल संचालकों पर कार्रवाई तय है।
कार्रवाई की चेतावनी-डीपीओ ने प्रखंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) और स्कूल प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अगले सात दिनों के भीतर लक्ष्य पूरा नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 9 और 10 दिसंबर को विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद, जिले में अब तक केवल 8.88 प्रतिशत लक्ष्य ही पूरा हो पाया है।
आगे की योजना-डीपीओ ने सभी स्कूलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अपार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और शिक्षा विभाग जल्द ही जिम्मेदारों के खिलाफ ठोस कदम उठाएगा।