NEWSPR डेस्क। सिखों के गुरु अमर दास की आज जयंती मनाई जा रही। इसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। इसके साथ ही कहा कि अमर दास सिख धर्म के तीसरे गुरु थे। जिन्होंने हमेशा महिलाओं के सति प्रता और प्रबल प्रथा का विरोध किया था। आज उनकी जयंती पर उनको नमन है।
बता दें कि गुरु अमरदास ने वैशाख शुक्ल एकादशी संवत 1536 वि. अर्थात 23 मई, 1479 ई. को अमृतसर के ‘बासर के’ गांव में जन्म लिया। वह दिन भर खेती और व्यापार के कार्यो में व्यस्त रहने के बावजूद हरि नाम सिमरन में लगे रहते थे। लोग उन्हें भक्त अमरदास जी कहकर पुकारते थे। उन्होंने 21 बार हरिद्वार की पैदल फेरी लगाई थी। उन्होंने महिलाओं की सति प्रथा और प्रबल प्रथा के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई।
उन्होंने हमेशा महिलाओं की बराबरी की बात कही। उनका मानना था कि जिस तरह पुरुष को पुनर्विवाह करने का हक है वैसे ही महिलाओं को भी पुनर्विवाह का अधिकार है। पति की मृत्यु होने पर महिलाओं के सती होने की प्रथा के खिलाफ भी उन्होने आंदोलन छेड़ा। वो हमेशा महिलाओं के पक्ष में रहते थे। समाज को अंधविश्वास से निकालना चाहते थे। उन्होंने लोगों के बीच प्यार और सौहार्द बढ़ाने के लिए लंगर के आयोजन की शुरुआत की।