NEWSPR DESK PATNA- नीति आयोग ने इस बार बिहार को बड़ी सौगात दी है। बिहार सरकार द्वारा भेजे गए सभी प्रस्तावों को आयोग ने मंजूरी दे दी है। खासतौर पर, पिछड़े जिलों के विकास को लेकर पेश किए गए प्रस्तावों पर नीति आयोग ने सहमति जताई है। इस निर्णय से राज्य के पिछड़े जिलों की तस्वीर बदलने की उम्मीद है। योजना एवं विकास विभाग की बैठक में मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इसकी जानकारी साझा की। अब इन प्रस्तावों के लागू होने से बिहार के विकास की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। नीति आयोग की स्वीकृति के बाद सरकार को अपने योजनाबद्ध कदम तेजी से उठाने का मौका मिलेगा।
बिहार में अभी आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत पांच क्षेत्रों स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और आधारभूत संरचना पर काम हो रहे हैं। इसके तहत राज्य के कुल 13 जिलों अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा और सीतामढ़ी शामिल हैं। मुख्य सचिव ने विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलों के डीएम के साथ हुई इस बैठक में योजनाओं की ताजा स्थिति की जानकारी ली गई।
बैठक में मौजूद योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव के सेंथिल कुमार ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना की समीक्षा बैठक में योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव ने निर्देश दिए कि जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र स्तर पर योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके तहत जिला, प्रखंड, पंचायत, वार्ड, और शैक्षणिक संस्थानों में विशेष कैंप लगाकर सघन काउंसलिंग सुनिश्चित की जाए।
ड्रॉपआउट की समस्या को कम करने के लिए लाभार्थियों से सक्रिय संपर्क साधने पर जोर दिया गया। इस दिशा में युवा निश्चय मोबाइल ऐप और विभागीय वेबसाइट का प्रभावी उपयोग करने का सुझाव दिया गया है। यह कदम योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।