NEWSPR डेस्क। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने जदयू के 6 विधायकों को तोड़ कर अपने पाले में कर लिया है। नीतीश कुमार इससे इतने आहत हैं कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की मां के निधन पर उनके घर नहीं गए। मुख्यमंत्री के आवास से केंद्रीय मंत्री का घर महज ढाई किलोमीटर दूर है। सीएम नीतीश कुमार बेली रोड में लोहिया पथ चक्र का निरीक्षण करते रहे, लेकिन कुछ दूर स्थित रविशंकर प्रसाद के आवास पर नहीं गए, जबकि ऐसा कभी नहीं होता है, जब नीतीश कुमार इन मौकों पर अपने सहयोगी दल के नेताओं के घर नहीं जाते हों। यहां तक कि नीतीश कुमार इन मौकों पर विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलने जाते रहे हैं।
बिहार में राजनीतिक हलचल के बीच आज जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री आज कैबिनेट में भाजपा नेताओं से मिलेंगे, तो वहीं जदयू के नेताओं के साथ दोपहर बाद बैठक करेंगे। ये दोनों बैठकें महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। एक तो भाजपा के इस रवैया के बाद सीएम कैबिनेट में भाजपा नेताओं से रू-ब-रू होंगे, वहीं अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद जब सीएम जदयू के नेताओं से मिलेंगे, तो जदयू नेताओं की क्या प्रतिक्रिया रहती है, यह मायने रखता है।
माना जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार अपने दो दिनों की राष्ट्रीय बैठक और कार्यकारिणी की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लेंगे। सीएम नीतीश कुमार आज अपने राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठक करके राय-मशविरा करेंगे। साथ ही, नीतीश कुमार कल की कार्यकारिणी की बैठक में अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे। राजनीतिक जानकार और पत्रकार रवि उपाध्याय बताते हैं कि वैसे बिहार के अलावा जदयू और भाजपा का कहीं गठबंधन नहीं रहा है।
लेकिन, यदि किसी भी राज्य में गठबंधन है तो एक गठबंधन धर्म का दायरा होता ही है। वैसे लोकसभा का चुनाव भाजपा और जदयू ने मिलकर लड़ा था तो केंद्र में इन दोनों का गठबंधन तो है ही। यदि, इस गठबंधन में कड़वाहट आ जाएगी, तो बिहार की राजनीति स्थिर नहीं रहेगी, ये शुभ संकेत नहीं हैं।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…