बिहार सरकार ने राज्य में बालू और पत्थर के अवैध खनन, परिवहन और बिक्री के खिलाफ चल रहे अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने की तैयारी कर ली है। इस दिशा में कार्रवाई को सख्त करने के उद्देश्य से जिलों में पहले से गठित जिला टास्क फोर्स की भूमिका को और सक्रिय किया जाएगा। इसके साथ ही हर महीने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समीक्षा बैठक की जाएगी ताकि अभियान की प्रगति और चुनौतियों का मूल्यांकन हो सके।
हर महीने होगी अवैध खनन की समीक्षा बैठक
सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, अब हर जिले में प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में खनन से जुड़ी अवैध गतिविधियों की स्थिति, कार्रवाई की प्रगति और आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।
मानसून प्रतिबंध के बावजूद जारी है अवैध खनन
गौरतलब है कि मानसून के दौरान 15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। इसके बावजूद प्रदेश के कई इलाकों से अवैध खनन और बालू की ढुलाई की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसको देखते हुए सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं ताकि प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराया जा सके।
छापेमारी अभियान में बढ़ेगा समन्वय
जिला टास्क फोर्स अब खान एवं भूतत्व विभाग के स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर समन्वित छापेमारी अभियान चलाएगी। इन छापों की रिपोर्ट नियमित रूप से राज्य सरकार को भेजी जाएगी। सभी जिलों को संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां लगातार जांच करने को कहा गया है।
ओवरलोड ट्रक और K-लाइसेंस धारकों पर भी नजर
सरकार के निर्देशानुसार, विशेष अभियान के तहत ऐसे ओवरलोडेड वाहन जो बिना चालान के बालू ले जा रहे हैं, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही K-लाइसेंस प्राप्त स्टॉकहोल्डर्स—यानी बालू के भंडारण और बिक्री करने वाले सेकेंडरी लोडिंग सेंटरों पर भी छापेमारी की जाएगी, ताकि अवैध व्यापार पर अंकुश लगाया जा सके।