NEWSPR डेस्क। बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार लगातार कठोर कदम उठा रही है. शराब तस्कर पूरे राज्य में सक्रिय हैं. पुलिस और तस्करों के बीच आंखमिचौली का खेल भी जारी है. कई जिलों से रोज कई ऐसे नये मामले सामने आ रहे हैं जहां तस्करों के द्वारा शराब का काला कारोबार चोरी छिपे चलाया जा रहा है. वहीं कई जगहों पर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आती रही है. पुलिस मुख्यालय के लिए अब केवल तस्कर ही नहीं बल्कि इस धंधे में लिप्त पाये गए पुलिसकर्मी भी चिंता का विषय बन चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस मुख्यालय अब शराब मामले में बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मियों की कुडली तैयार कर रही है. सूबे में कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें पुलिसकर्मियों को भी शराबबंदी कानून का उल्लंघन करते और शराब तस्करों के साथ मिलीभगत के आरोप में बर्खास्त किया गया है. हालांकि अभी भी मुख्यालय को इनपर निगरानी की जरूरत महसूस हो रही है.
पुलिस मुख्यालय ने इन पुलिसकर्मियों के घर का पता, फोन नंबर और अन्य महत्वपूर्ण जानाकरी जुटानी शुरू कर दी है. शराब मामले को लेकर मद्य निषेध इकाई ने बर्खास्त किये गए जिन पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की है उनमें इंस्पेक्टर, दारोगा, एएसआई, हवलदार, सिपाही के अलावा होमगार्ड और चौकीदार भी शामिल हैं. ये सभी बर्खास्त होने के समय जिन जिलों में तैनात थे, वहां के एसएसपी और एसपी इसकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं ताकि उनपर पैनी नजर रखी जा सके. हाल के दिनों में कई शराब माफियाओं पर जब एक्शन लिया गया तो ये खुलासा हुआ था कि इन पुलिसकर्मियों की भी इसमें मिलीभगत रही है. शराब माफियाओं के नेटवर्क में इन पुलिसकर्मी के शामिल होने की भी आशंका जताई जा रही है. ऐसी आशंका जताइ जा रही है कि बर्खास्त होने के बाद भी ये लोग माफियाओं के साथ मिले हुए है. इनपर पैनी नजर रखने की तैयारी चल रही है.
बता दें कि मद्य निषेध विभाग ने होली के समय शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने ‘मिशन होली’ चला रखा था जो काफी हद तक सफल भी रहा. पुलिस के साथ मिलकर इस विभाग ने मार्च महीने में 3.63 लाख लीटर से अधिक शराब को जब्त किया. इस दौरान 1788 मामले दर्ज किये गये. वहीं 1165 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई.
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…