NEWSPR DESK: सीएम नीतीश कुमार के महत्वकांक्षी योजना को हल्के में लेने वाले लोगों की अब खैर नहीं है. नल जल निश्चय योजना का क्रियान्वयन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है, तो मुखिया और वार्ड सदस्य भी इसके जिम्मेदार होंगे.
पंचायती राज विभाग ने सभी डीएम को पत्र लिखकर योजना की समीक्षा करने और दोषी मुखिया और वार्ड सदस्य पर कार्रवाई की अनुशंसा भेजने का निर्देश दिया है. पंचायती राज विभाग ने डीएम को लिखे पत्र में साफ किया है कि इस योजना का कार्यान्वयन मुखिया के द्वारा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से कराया जा रहा है.
ग्राम पंचायत के मुखिया होने के नाते उन्हें उपलब्ध करायी गई सरकारी राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना, उनकी जिम्मेदारी है. उस राशि से सृजित की गई संपत्तियों से आमलोगों को लाभ मिलता रहे, यह सुनिश्चत करना भी उनकी जिम्मेदारी है. यदि वे इस पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसके कारण पेयजल आपूर्ति बाधित हो रही है, तो ऐसी स्थिति में उनपर धारा 18 (5) के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. ऐसी लापरवाही उनके दायित्वों के निर्वहन में चूक की श्रेणी में आएगी. वहीं वार्ड सदस्यों पर कानूनी कार्रवाई भारतीय दंड विधान की संगत धाराओं के अंतर्गत होगी.