बिहार में अब इस तरीके से सुलझेगी शिक्षकों की समस्या

Patna Desk

बिहार में शिक्षा व्यवस्था के विकास में शिक्षकों की अहम भूमिका को देखते हुए, उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु कई कदम उठाए गए हैं। जिला और प्रखंड स्तर पर हर शनिवार को “जनता दरबार” का आयोजन किया जाता है, ताकि शिक्षकों की शिकायतों का स्थानीय स्तर पर ही समाधान हो सके।हालांकि, स्थानीय अधिकारियों द्वारा समय पर समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण शिक्षक बड़ी संख्या में राज्य मुख्यालय पहुंच जाते हैं। कई बार तो शिक्षक अपने पूरे परिवार के साथ सचिवालय आकर वरीय अधिकारियों से मिलते हैं, जिससे उन्हें व्यक्तिगत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और मुख्यालय का कामकाज भी बाधित होता है।इसी समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार ने “ई-शिक्षा कोष” नामक एक संगठित वेबसाइट शुरू की है। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार के अधीन कार्यरत शिक्षक अपनी शिकायतें सीधे ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।

ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जा सकने वाली प्रमुख शिकायतें:

वेतन से जुड़ी समस्याएं: लंबित वेतन, बकाया वेतन, या वेतन गणना में त्रुटि।अवकाश संबंधी दिक्कतें: चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश, अध्ययन अवकाश आदि।सेवा सुधार से संबंधित मुद्दे: जन्मतिथि सुधार, पदस्थापन में त्रुटि।मध्याह्न भोजन योजना में शिकायतें: भोजन की गुणवत्ता या आपूर्ति से जुड़ी समस्याएं।सरकारी योजनाओं से जुड़ी शिकायतें: किताबें, पोशाक, साइकिल या अन्य छात्र सहायता राशि प्राप्त नहीं होना।विद्यालय से जुड़ी समस्याएं: भवन की स्थिति, शौचालय, बिजली, पानी की आपूर्ति या स्मार्ट क्लास की सुविधा।स्थानांतरण संबंधी समस्याएं: गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, पति-पत्नी स्थानांतरण के मामले।भ्रष्टाचार एवं यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायतें।शिकायतों की निगरानी और निपटारा: दर्ज शिकायतों को जिला शिक्षा पदाधिकारी, निदेशक (प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा), मध्याह्न भोजन योजना निदेशक और अपर मुख्य सचिव एक साथ देख सकेंगे। भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों को केवल निदेशक और अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी देखेंगे।जिला शिक्षा पदाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वे शिकायतों का समाधान कर उसका अनुपालन प्रतिवेदन “ई-शिक्षा कोष” पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि उच्चस्तर पर समीक्षा की जा सके।यह स्पष्ट किया गया है कि मूल आवेदन अभी भी स्थानीय प्रखंड या जिला शिक्षा पदाधिकारी को ही देना होगा। यदि स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं होती है, तभी शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।अब शिक्षकों को समस्या समाधान के लिए मुख्यालय आने या कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में शिकायत दर्ज कराने की जरूरत नहीं होगी। वे पोर्टल पर दर्ज अपनी शिकायतों की स्थिति भी ऑनलाइन देख सकते हैं।

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