भगवान राम पर ओली का बेतुका बयान, न्यायालय में परिवाद दायर

Sanjeev Shrivastava


सौरभ, सीतामढी
सीतामढी:
भगवान राम पर बेतुके बोल बोलने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली पर स्थानीय न्यायालय में एक परिवाद दायर कराया गया है। सीतामढ़ी के वकील ठाकुर चंदन ने नेपाल के प्रधानमंत्री पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है। केपी ओली द्वारा भगवान राम और अयोध्या पर बेतुका और आधारहीन बयान दिया गया था, जिसके बाद हर तरफ से केपी ओली के उस बयान की निंदा की गयी। वकील ठाकुर चंदन ने ओली के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में परिवाद पत्र दायर कर दिया है।

उन्होंने यह ओली पर यह आरोप लगाया है कि ओली देश में धार्मिक उन्माद फैलाने की मंशा से यह बयान दे रहे हैं। उनके इस आधारहीन बयान से हिंदू धर्म के अनुयायियों को ठेस पहुंची है। ठाकुर चंदन सिंह के याचिका पर 16 जुलाई को विशेष सुनवाई होगी। दरअसल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भगवान राम को लेकर विवादित और बेतुका बयान देते हुए कहा था कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है। जबकि, असली अयोध्या नेपाल में है साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान राम नेपाली हैं, ना कि भारतीय।

बता दें कि ओली पहले कह चुके हैं कि भारत उनको सत्ता से हटाने की साजिश रच रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री निवास में आयोजित एक कार्यक्रम में ओली ने‌ कहा कि भारत ने ‘नकली अयोध्या’ खड़ा कर नेपाल की सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण किया। उन्होंने भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि नेपाल के बाल्मिकी आश्रम के पास बताया था।

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