इन शहरों में 100 के पार पहुंचा प्याज, रसोई से राजनीति तक मचाता है कोहराम

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। नयी दिल्ली: प्रत्येक साल सब्जी मंडी और घर के किचन में कोलाहल मचता है. प्याज की कीमतों में अंधाधुंध उछाल आती है. इस साल भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है. अभी नवरात्र चल रहा है, बावजूद इसके प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. हालात ऐसे हैं कि गुरुवार को चंडीगढ़ में प्याज का भाव 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया. लुधियाना में भी प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. यहां प्याज 100 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है.

आंकड़े बताते हैं कि बीते कुछ दिनों में प्याज की कीमतों में 2 रुपये से लेकर 47 रुपये तक का उछाल आया है. उपभोक्ता मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर शहर दर शहर प्याज की कीमतों का लिस्ट जारी किया है. बेंगलुरु में प्याज 21 अक्टूबर तक 40 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था. 22 अक्टूबर को इसमें 47 रुपये का उछाल आ गया. यहां अब प्याज 87 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. हैरानी की बात है कि मंडी और खुदरा बाजार में कीमतें अलग हैं.

दरभंगा में 21 अक्टूबर तक प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलो थी. 22 रुपये प्रति किलो की वृद्धि के साथ अब यहां प्याज 62 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. पटना में 21 अक्टूबर तक प्याज 55 रुपये प्रति किलो मिल रहा था. 22 अक्टूर तक कीमतों में 10 रुपये का उछाल आया और अब यहां प्याज 65 रुपये प्रति किलो बिक रहा है

रांची में प्याज की कीमतें 21 अक्टूबर तक 50 रुपये प्रति किलो थी. एक ही दिन में इसमें 10 रुपये का उछाल आ गया और अब यहां प्याज 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नई दिल्ली में प्याज की कीमत 21 अक्टूबर तक 49 रुपये प्रति किलो थी. 6 रुपये की वृद्धि के साथ अब यहां प्याज 66 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

हैरानी की बात है कि कई शहरों में प्याज की कीमतों में भारी उछाल के बीच कुछ शहरों में प्याज काफी सस्ती दरों पर बिका. गुजरात के राजकोट में प्याज अब भी 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. यूपी के झांसी शहर में प्याज महज 26 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है.

वाराणसी में प्याज की कीमतों में कोई उछाल नहीं आया. यहां प्याज पहले की तरह 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. प्रयागराज, जोधपुर, भोपाल, रीवा में प्याज 30 रुपये प्रति किलो की दर से ही बिका. एर्नाकुलम और पुणे में तो प्याज के दाम गिरे हैं.

पुणे में प्याज की कीमत 10 रुपये घटी और यहां अब प्याज 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. वहीं पुणे में प्याज 9 रुपये सस्ता हुआ. यहां प्याज की कीमत 45 रुपये प्रति किलो है.

विशेषज्ञों ने प्याज की कीमतों में उछाल की कुछ वजह बताई है. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में बीते कुछ दिनों में भारी बारिश हुई. भारी बारिश की वजह से प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा.

इसकी वजह से प्याज की आपूर्ति में रूकावट आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एशिया की सबसे बड़ी प्याज की मंडी लसलगांव में गुरुवार को 1 क्विंटल प्याज की कीमत 7 हजार 50 रुपये तक पहुंच गई. 1 महीने पहले यहां प्रति क्विंटल प्याज की कीमत 4 हजार 801 रुपये थी.

प्रत्येक भारतीय रसोई में प्याज का खास महत्व है. अधिकांश व्यंजन प्याज के बिना अधूरे रहते हैं. प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों की रसोई और बजट दोनों पर बोझ बढ़ता है. प्रत्येक साल इस वक्त प्याज की कीमतों में काफी उछाल आ जाता है.

प्याज केवल रसोई पर ही प्रभाव नहीं डालता बल्कि कई सूरमाओं की कुर्सी डोल जाती है. प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से 1980 में जनता पार्टी की सरकार गिर गई थी. दिल्ली में साल 1998 में बीजेपी की सरकार प्याज की बढ़ी कीमतों की वजह से गिर गई थी. बीजेपी ने इससे निपटने के लिए 3 मुख्यमंत्री तक बदल डाले थे.

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