बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। काले कपड़ों में पहुंचे विपक्षी विधायकों ने सदन के भीतर जमकर नारेबाजी की और अध्यक्ष की आसंदी के सामने जाकर विरोध जताया।
कार्यवाही की शुरुआत शिक्षा विभाग से जुड़े प्रश्नों से हुई, लेकिन विपक्षी सदस्य लगातार हंगामा करते रहे। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए नारे लगाए और कार्यवाही में बाधा डाली। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार शांति की अपील की, लेकिन विपक्षी विधायकों ने कोई सुनवाई नहीं की।
स्थिति बिगड़ते देख अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू होने के केवल 21 मिनट बाद ही सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि विपक्ष की केवल शोर-शराबा करने की मंशा है, न कि जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने की।
सत्र शुरू होने से पहले भी विधानसभा परिसर में विपक्ष का आक्रोश नजर आया। काले कपड़ों में हाथों में पोस्टर लिए विपक्षी विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर प्रदर्शन करते नजर आए। उस समय भी नारेबाजी जारी थी जब विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव सदन में प्रवेश कर रहे थे। इस दौरान उन्हें विरोध के बीच होकर अंदर जाना पड़ा।
इससे पहले, सत्र के पहले दिन भी विपक्ष ने जोरदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की थी। इसके चलते पहले दिन की कार्यवाही भी बाधित हुई थी।
बता दें कि यह मानसून सत्र नीतीश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम सत्र माना जा रहा है और यह 25 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान राज्यपाल द्वारा स्वीकृत अध्यादेशों को सदन में पेश किया जाएगा, विभिन्न समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत होंगी, 23 जुलाई को सरकारी विधेयक लाए जाएंगे, 24 जुलाई को अनुपूरक बजट पर बहस और मतदान के बाद विनियोग विधेयक पेश होगा, जबकि 25 जुलाई को गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी।