NEWS PR DESK- साल 2025 एक नए ऊर्जा और संभावनाओं से भरा वर्ष है. भारतीय पंचांग के अनुसार, यह वर्ष ग्रहों की चाल, नक्षत्रों की स्थिति और तिथियों के आधार पर हमारे जीवन के हर पक्ष को प्रभावित करेगा.
चाहे पूजा-पाठ हो, विवाह जैसे मांगलिक कार्य हों या यात्रा का योग – सही समय का चयन ही सफलता की कुंजी बनता है. इस पंचांग में जानेंगे सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, शुभ और अशुभ मुहूर्त, दिशा शूल, सूर्यबल और चंद्रबल की जानकारी, जो आपके दिन को और भी व्यवस्थित और फलदायी बना सकती है.
शुभ और अशुभ मुहूर्त से जुड़ी जानकारी
शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्तों की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त हर दिन लगभग दोपहर 11:45 से 12:30 के बीच आता है, जो अत्यंत मंगलकारी माना जाता है.
इसके अलावा विजय मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त और त्रिपुष्कर योग जैसे विशेष मुहूर्तों में कार्य करने से सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.
अशुभ मुहूर्त
वहीं अशुभ मुहूर्तों में राहुकाल (प्रत्येक दिन का एक विशेष समय), गुलिक काल और यमघंटा आते हैं, जिनमें नए कार्य शुरू करने से बचना चाहिए.
उदाहरण के लिए, सोमवार को राहुकाल सुबह 7:30 से 9:00 तक रहता है, जो अशुभ माना गया है