NEWS PR DESK- 6 अक्टूबर 2025, दिन-सोमवार, आश्विन मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी तिथि दोपहर 12.23 बजे तक फिर पूर्णिमा तिथि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र, चंद्रमा- मीन में, सूर्य- कन्या में, अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.45 बजे से दोपहर 12.32 बजे तक, राहुकाल- सुबह 07.45 बजे से सुबह 09.13 बजे तक, दिशा शूल- पूर्व.
हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
पंचांग के पांच अंग
तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।