नाबालिग की ड्राइविंग पर मुसीबत में पड़ेंगे माँ-बाप, लगेगा 25 हजार जुर्माना

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार में परिवहन विभाग ने गाड़ी चलाने वाले नाबालिगों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने चलंत दस्ता सिपाही को नाबालिग वाहन चालकों को पकड़ने के लिए जिलों में तैनात किया है। अगस्त महीने से सभी जिलों में गाड़ी चलाने वाले बच्चों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नाबालिग वाहन चालकों पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।

बिहार में नाबालिग बच्चे अक्सर बाइक या कर चलाते दिखते हैं. अब कोई भी नाबालिग किसी भी तरीके का वाहन नहीं चला सकता है . इससे केवल वे नहीं बल्कि उनके माता -पिता भी जिम्मेवार माने जाएंगे . इसके साथ-साथ नाबालिगों के माँ-बाप से 25 हजार जुर्माना लिया जाएगा और केस भी केस दर्ज किया जाएगा. इन सब चीजों से बच्चों की करिअर पर भी असर पड़ेगा. ऐसे कई नाबालिग हैं जो 16-17 की उम्र में अपने मन मौजी हो जाते हैं और अपने बड़ों का कहना नहीं मानते हैं.

अभिभावकों को 25 हजार रुपये तक का जुर्मान देना होगा। चालान करने के अलावा उन्हें साफ शब्दों में निर्देश दिया जाएगा कि वह बच्चों को बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने की अनुमति न दें। ऐसा करते पकड़े जाने पर उनका पेरेंट्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। बताया गया कि नाबालिग बच्चे हाईस्पीड गाड़ियों में घूम रहे है। यह बच्चों की नहीं पेरेंट की लापरवाही है। बच्चे का लाइसेंस न बन जाए, तब तक उन्हें गाड़ी नहीं दी जानी चाहिए। इस लापरवाही में जितने जिम्मेदार पेरेंट्स हैं उतनी जिम्मेदारी स्कूल की भी बनती है कि वे अपने बच्चों पर नज़र रखें.

नियमों के मुताबिक 16 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह की गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है। वहीं,16 से 18 साल तक के नाबालिग सिर्फ बिना गियर वाले वाहन चला सकते हैं। मगर पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, मोतिहारी, पूर्णिया समेत कई शहरों में नाबालिग मोटरसाइकिल और कार समेत अन्य गाड़ियां चलाते हुए नजर आ जाते हैं। इससे सड़क हादसों में बढ़ोतरी हो रही है। इस पर लगाम लगाने के लिए विभाग सख्ती अपनाने वाला है।

परिवहन विभाग ने शहरी इलाकों में तेज रफ्तार से बाइक चलाने वाले बाइकर्स और स्टंटबाजों के खिलाफ सख्ती अपनाने के निर्देश दिए हैं। चलंत दस्ता के सिपाहियों को विभाग की ओर से इसके लिए दो दिन की खास ट्रेनिंग दी जाएगी। स्पीड से गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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