बढ़ती ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी पटना, डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन शाखा, पटना द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने, जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण और रैन बसेरों का संचालन किया जा रहा है।
प्रमुख कार्य और व्यवस्थाएँ- 1. अलाव जलाने की व्यवस्था:
पटना के 43 से अधिक स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं।
प्रमुख चौक-चौराहों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, रैन बसेरों आदि पर अलाव की नियमित व्यवस्था की गई है।जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब एवं जरूरतमंद लोग ठंड से सुरक्षित रहें।
2. रैन बसेरों की सुविधा:पटना नगर निगम ने शहरी क्षेत्रों में 29 रैन बसेरे तैयार किए हैं, जिनमें 6 स्थायी, 11 अस्थायी और 12 जर्मन हैंगर तकनीक से निर्मित आश्रय स्थल शामिल हैं।कुल 907 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।इन रैन बसेरों में सीसीटीवी निगरानी, निःशुल्क बिस्तर, कंबल, शौचालय, मच्छरदानी, पेयजल और सुरक्षा के लिए अग्निशामक यंत्र लगाए गए हैं।अब तक 16,752 लोग इन रैन बसेरों का लाभ उठा चुके हैं।
3. कंबल वितरण:गरीब, दिव्यांग, वृद्ध और जरूरतमंद लोगों के बीच 6,646 कंबल वितरित किए गए हैं।वितरण कार्य सतत जारी है।
4. स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रबंधन:जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि ठंड के दौरान बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएँ।
5. अन्य निर्देश:जहाँ रैन बसेरे उपलब्ध नहीं हैं, वहाँ पॉलिथीन शीट, टेंट आदि का उपयोग कर अस्थायी शरण स्थली बनाई जा रही है।इन व्यवस्थाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि अधिकतम लोग इसका लाभ उठा सकें।जिलाधिकारी ने रैन बसेरों और अलाव स्थलों की संख्या आवश्यकता के अनुसार बढ़ाने का निर्देश दिया है।
जनता के लिए अपील– जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने आम जनता से एडवायजरी का पालन करने की अपील की है। किसी भी आपात स्थिति में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (0612-2210118) या ईमेल ([email protected]) पर संपर्क किया जा सकता है।प्रशासन की प्राथमिकताठंड के प्रकोप से किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो, यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी अधिकारी इस दिशा में सजग और प्रतिबद्ध हैं।