NEWSPR डेस्क। पटना में ड्राईविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए नालंदा, भोजपुर, कैमूर, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत कर लिया गया है। इसके साथ ही जिलों द्वारा उपलब्ध कराए गए इस्टिमेट पर अधिकतम मान्य राशि के अंदर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण कार्य के लिए कई जिलों में एजेंसी का चयन एवं टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
सोमवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक योजना के स्टेटस की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही जिलावार योजना की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक योजना के प्रगति की प्रतिदिन जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करें।
परिवहन सचिव ने बताया कि सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए त्रुटिमुक्त चालन दक्षता जांच के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाना है। पटना एवं औरंगाबाद में टोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चालन जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। सीतामढ़ी, मोतीहारी, किशनगंज, मधुबनी, पूर्णिया, नालंदा, कटिहार, कैमूर, सारण, बांका, बेतिया, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद, नवादा और मधेपुरा में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करते हुए उपलब्ध कराए गए इस्टिमेट पर अधिकतम मान्य राशि (जिलानुसार 50-75 लाख रुपए) के अंदर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
समीक्षा बैठक में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल के साथ अपर सचिव परिवहन विभाग सन्नी सिन्हा, संयुक्त सचिव पंकज कुमार, उपसचिव शैलेंद्रनाथ, विशेष कार्यपदाधिकारी आजीव वत्सराज एवं सड़क सुरक्षा परिषद के पदाधिकारी उपस्थित थे।