पटना मेट्रो परियोजना के पहले कॉरिडोर में शामिल छह भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और लगभग 9.35 किलोमीटर लंबे टनल के निर्माण कार्य के लिए अब ठेकेदार का चयन कर लिया गया है। यह जिम्मेदारी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (HCC) को सौंपी गई है, जिसे 42 महीनों की अवधि में यह काम पूरा करना होगा। गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट का वित्त पोषण जापान की एजेंसी जायका (JICA) द्वारा किया जा रहा है।
भूमिगत रूट और स्टेशन विवरण
इस परियोजना के तहत मीठापुर रैंप से विकास भवन और फिर वहां से रुकनपुरा रैंप तक भूमिगत सुरंग बनाई जाएगी। इसके बीच कुल छह स्टेशन विकसित किए जाएंगे, जिनमें पटना जंक्शन भी शामिल है। टनल की लंबाई कुछ इस प्रकार होगी:
- रुकनपुरा से राजा बाजार – 958.25 मीटर
- राजा बाजार से चिड़ियाघर – 2216.73 मीटर
- चिड़ियाघर से विकास भवन – 1280.70 मीटर
- विकास भवन से विद्युत भवन – 1437.52 मीटर
- विद्युत भवन से पटना जंक्शन – 1424.02 मीटर
- पटना जंक्शन से मीठापुर – 2042.50 मीटर
दो भागों में होगा निर्माण कार्य
पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRC) ने इस प्रोजेक्ट को दो हिस्सों में बांटकर निविदा जारी की थी। इसके लिए टेंडर 27 दिसंबर 2023 को निकाला गया था और जून 2025 में एजेंसी का चयन कर लिया गया।
- पहला भाग – इसमें रुकनपुरा, राजा बाजार और चिड़ियाघर स्टेशन शामिल हैं। साथ ही पाटलिपुत्र एलिवेटेड स्टेशन से विकास भवन तक टनल का निर्माण किया जाएगा। इस सेक्शन की अनुमानित लागत 1377 करोड़ रुपये थी, लेकिन HCC ने इसे 1147.50 करोड़ रुपये में पूरा करने का प्रस्ताव दिया।
- दूसरा भाग – इसमें विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन स्टेशन तथा विकास भवन से मीठापुर रैंप तक का टनल शामिल है। इसकी अनुमानित लागत 1683 करोड़ रुपये थी, जिस पर 1418.30 करोड़ की बोली लगाई गई।
जायका से लोन, कई कार्यों पर खर्च होगी राशि
जायका (JICA) के साथ 29 मार्च 2023 को 5158 करोड़ रुपये के लोन का समझौता किया गया था। यह फंड भूमिगत स्टेशन, टनल, मेट्रो कोच, सिग्नलिंग, ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन और ट्रैक बिछाने जैसे कार्यों पर खर्च किया जाएगा। अब तक इस लोन के तहत दो चरणों में निविदा जारी हो चुकी है और दोनों के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।