बिहार की राजधानी पटना में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में एम्स पटना (NH-98) से लेकर दीघा रेल-सह-सड़क पुल के पटना छोर तक दो लेन सड़क और चार लेन एलिवेटेड सड़क के निर्माण के लिए 1368.46 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। साथ ही एनएचएआई के अधूरे कार्यों को पूरा करते हुए दीघा से अशोक राजपथ तक अतिरिक्त कनेक्टिविटी भी विकसित की जाएगी।
इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद आम लोगों को एम्स और जेपी गंगा पथ की ओर यात्रा करते समय जाम की परेशानी से काफी राहत मिलेगी।
लोहिया पथ चक्र के लिए भी स्वीकृति, मिलेगा जाम से छुटकारा
इसी बैठक में पटना के नेहरू पथ पर लोहिया पथ चक्र के निर्माण के लिए 675.50 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी गई है। इसका उद्देश्य है शहर के व्यस्त नेहरू पथ पर यातायात को सुगम बनाना और ट्रैफिक को व्यवस्थित करना।
मेट्रो परियोजना को मिली फायर सेफ्टी नियमावली में जगह
एक और अहम फैसले में राज्य सरकार ने अग्निशमन सेवा नियमावली में मेट्रो परियोजना को शामिल कर लिया है। अब से मेट्रो रेल निर्माण के एलिवेटेड और अंडरग्राउंड स्टेशन, प्लेटफॉर्म और डिपो जैसी संरचनाएं भी फायर सेफ्टी चेकलिस्ट का हिस्सा होंगी। पहले इनकी अग्निशमन मानकों में कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी।
बिहार कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले:
- मोटरयान अधिनियम 1988 के नियमों में किया गया संशोधन।
- अररिया जिले के रानीगंज और भरगामा अंचलों में नए निबंधन कार्यालय खोलने की स्वीकृति।
- बिहार युवा आयोग में 6 नए पदों के सृजन को मंजूरी।
- गन्ना उद्योग विभाग के अंतर्गत “बिहार ईख सेवा भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2025” को स्वीकृति।
इस कैबिनेट बैठक में कुल 41 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है, जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।