स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर पटना को आधुनिक यातायात की दिशा में एक ऐतिहासिक तोहफा मिलने जा रहा है। 15 अगस्त को पटना मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर पर मेट्रो सेवा की शुरुआत हो जाएगी। इससे राजधानी में जहां यातायात का दबाव घटेगा, वहीं हजारों युवाओं को रोज़गार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
ट्रायल पूरा, रैक पटना में; अब संचालन की तैयारी
मेट्रो परिचालन से पहले ट्रायल रन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। पुणे से मंगाई गई तीन कोच की रैक पटना पहुँच चुकी है। ट्रैक बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है, वहीं स्टेशनों पर फिनिशिंग टच और पिट निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।
कौन-कौन से स्टेशन होंगे शामिल?
पटना मेट्रो के पहले चरण का कॉरिडोर 6.2 किमी लंबा है, जो मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक फैला हुआ है। इस रूट पर कुल 5 स्टेशन होंगे:
- मलाही पकड़ी
- खेमनीचक
- भूतनाथ
- जीरो माइल
- न्यू आईएसबीटी
दो शिफ्टों में हो रहा निर्माण कार्य
निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए एजेंसियां दिन-रात दो शिफ्टों में कार्य कर रही हैं। विद्युत सब-स्टेशन, कंट्रोल रूम, वर्कशॉप शेड आदि पूरी तरह तैयार हैं। सभी तकनीकी मानकों को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि परिचालन के समय कोई कमी न रह जाए।
रोज़गार के नए अवसर, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
मेट्रो परियोजना केवल परिवहन सुविधा नहीं बल्कि रोजगार सृजन का एक बड़ा जरिया भी है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों नौकरियों की संभावना बन रही है। टिकटिंग, सफाई, सुरक्षा, मेंटेनेंस जैसे कार्यों में भर्ती शुरू होगी, वहीं तकनीकी कर्मियों को दीर्घकालिक अवसर उपलब्ध होंगे।
इसके अलावा, मेट्रो स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियाँ जैसे रेस्टोरेंट्स, दुकानों, ऑटो सर्विस सेंटर आदि में वृद्धि की पूरी संभावना है।
पर्यावरण और ट्रैफिक पर राहत
पटना मेट्रो के शुरू होते ही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। अनुमान है कि मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद सड़कों पर चलने वाले वाहनों की संख्या में भारी कमी आएगी, जिससे प्रदूषण का स्तर भी घटेगा। जहां पहले 45 मिनट का सफर होता था, वहीं अब यह दूरी मेट्रो से मात्र 12 से 15 मिनट में तय की जा सकेगी।