कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए बिहार में 15 मई तक लॉक डाउन लगाया गया है। बिना वजह घर से निकलने वालो की अब खैर नहीं। बुद्धवार से जारी आदेश के बाद राजधानी की सड़को पर पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर और पटना एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने मोर्चा संभाल लिया है। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज़ो की संख्या बढ़ती जा रही है। बीते 24 घंटों में राज्य में 14974 नए मरीज़ मिले, जबकि राजधानी पटना में सबसे अधिक मरीज़ मिले। मंगलवार को पटना में 2681, गया में 767, वैशाली में 637, नालंदा में 618, जमुई में 538, औरंगबाद में 534, वेस्ट चम्पारण में 516, समस्तीपुर में 498, बेगूसराय में 462, मुजफ्फरपुर में 461, सारण में 457, और भागलपुर में 417, नए मरीज़ मिले।
लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद हर जिले की पुलिस सजग दिख रही है। चौक चौराहों पर नियम का पालन नहीं करने वाले लोगों पर नकेल कसी जा रही है। पुलिस वैसे लोगों को कार्यवाही कर रही है जो नियमों को तोड़ रहे हैं | वही बिहार थानाध्यक्ष दीपक कुमार सुबह होते ही गश्ती दल के साथ सड़को पर घूम घूम कर कोरोना गाइडलाइन और लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने को लेकर कड़ी मेहनत कर रहे है। ताकि किसी तरह से कोरोना कki चेन को तोड़ा जा सके।
पटना के बेली रोड से डांकबंगला के ओर जाने वाले मुख्य मार्ग, जहां खुद डीएम और एसएसपी वाहनो की चेकिंग करते दिख रहे है, तो वही पटना में लगभग 50 जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस की तैनाती की गई है। लोगो से अपील कर उन्हें घरों में रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि जल्द इस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। वैसे लोग जो बेवजह सड़को पर नियमो का उलंघन करते पाए जाएँगे उनपर एमवी एक्ट के तहत एफआईआर भी की जाएगी।
लॉकडाउन लगाए जाने का लोग स्वागत कर रहे है। लोगों का कहना है कि जिस प्रकार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है वैसी परिस्थिति में सरकार को पहले ही लॉकडाउन लगा देना चाहिए था। साथ ही लोगों का कहना है कि केवल लॉकडाउन लगाने से इस समस्या का समाधान नहीं होने वाला है, बल्कि इसका सख्ती से पालन भी कराना होगा। तभी हम इस महामारी से बच सकते हैं।