पारस अस्पताल हत्याकांड पर गरमाई सियासत — चिराग पासवान ने प्रशासन और पुलिस पर उठाए सवाल, ADG के बयान पर जताई कड़ी आपत्ति

Jyoti Sinha

पटना के चर्चित पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इस वारदात ने न सिर्फ आम लोगों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि अब राजनीतिक गलियारों में भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

पुलिस के बयान से मचा बवाल

इस बीच बिहार के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि “मानसून से पहले किसानों के पास ज्यादा काम नहीं होता, इसलिए आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती हैं।” इस टिप्पणी को लेकर विपक्षी नेताओं ने कड़ी नाराजगी जताई है।

चिराग पासवान का तीखा हमला

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस पूरे मामले को लेकर बिहार सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को विकसित राज्य बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। जब वे विकास की योजनाएं लेकर आते हैं, तो उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट होती हैं। लेकिन राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाए।”

पारस अस्पताल जैसी घटना को उन्होंने “किसी भी तरह से उचित ठहराना नामुमकिन” बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं सीधे तौर पर प्रशासन की विफलता को दर्शाती हैं।

ADG के बयान पर नाराजगी

चिराग पासवान ने एडीजी कुंदन कृष्णन के बयान पर सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, “क्या आप अन्नदाता किसानों को अपराधी ठहराना चाहते हैं? यह बयान बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। यह न केवल किसानों का अपमान है, बल्कि यह दर्शाता है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।”

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि एक भी आपराधिक घटना हो, तो प्रशासन को जवाबदेही लेनी चाहिए। “आप जिम्मेदारियों से बचने के लिए लीपापोती कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।

राज्य सरकार पर निशाना

चिराग ने कहा कि राज्य सरकार को इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि बिहार की जनता खुद को सुरक्षित महसूस करे। उन्होंने मांग की कि कानून-व्यवस्था को बेहतर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

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