बिहार में इस बार ठंड ने तय समय से पहले ही दस्तक दे दी है। नवंबर का महीना अभी आधा भी नहीं गुज़रा है, लेकिन सुबह-शाम की ठिठुरन ने लोगों को कंपकपाने पर मजबूर कर दिया है। दिन के समय भी कोहरा और धुंध छाए रहने से धूप का असर कम हो गया है, जिससे गलन और बढ़ गई है।
पूरे राज्य में गिरी पारा
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार के ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 11°C से 15°C के बीच रिकॉर्ड किया गया है, जबकि अधिकतम तापमान 25.5°C से 31°C तक रहा। राजधानी पटना में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 12.8°C दर्ज किया गया, वहीं पश्चिम चंपारण के मधुबनी प्रखंड और रोहतास जिले के नौहट्टा क्षेत्र में तापमान 11.5°C तक लुढ़क गया।
हालांकि अभी तक शीतलहर की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उत्तर दिशा से चल रहीं ठंडी हवाओं ने लोगों को असली सर्दी का एहसास कराना शुरू कर दिया है।
अगले हफ्ते रहेगा शुष्क मौसम
सुबह के समय कोहरा बढ़ने से दृश्यता में काफी गिरावट आई है। पूर्णिया में दृश्यता घटकर सिर्फ 800 मीटर तक पहुंच गई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले 6 से 7 दिनों तक राज्य का मौसम शुष्क बना रहेगा। आने वाले 3 से 4 दिनों में हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाओं के चलते तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। 13 नवंबर के बाद न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की और कमी होने की संभावना जताई गई है।
लोग रजाई-कंबल और अलाव का ले रहे सहारा
बढ़ती ठंड के बीच लोगों ने गर्म कपड़े, स्वेटर और रजाई-कंबल निकाल लिए हैं। सुबह-शाम चाय और नाश्ते की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। कई जगहों पर लोग अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं।
ठंड बढ़ने से बीमारियों का असर भी दिखने लगा है। अस्पतालों में सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टरों ने बुजुर्गों, छोटे बच्चों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है।