प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और भारत रत्न से सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी को उनके 98वें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री ने उन्हें “दूरदर्शी, विद्वान और सच्चे राजनेता” बताते हुए कहा कि आडवाणी जी का पूरा जीवन राष्ट्र की प्रगति, लोकतांत्रिक मूल्यों और सांस्कृतिक गौरव को समर्पित रहा है।पीएम मोदी ने कहा — “आडवाणी जी ने निस्वार्थ भाव से देशसेवा की है। उनका जीवन अनुशासन, समर्पण और अटूट सिद्धांतों की मिसाल है। उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर गहरी छाप छोड़ी है। ईश्वर उन्हें स्वस्थ और दीर्घायु बनाए रखें।”लालकृष्ण आडवाणी को वर्ष 2024 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।
इससे पहले उन्हें 2015 में पद्म विभूषण भी प्राप्त हुआ था। भारतीय राजनीति में वे सबसे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, और संगठन को मज़बूती देने में उनकी अहम भूमिका रही। गृह मंत्री के तौर पर उनके कड़े और निर्णायक फैसले आज भी देश की आंतरिक सुरक्षा की नींव माने जाते हैं।कराची से दिल्ली तक का सफर8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में एक हिंदू सिंधी परिवार में जन्मे आडवाणी के पिता किशनचंद आडवाणी व्यवसायी थे, जबकि माता ज्ञानी देवी संस्कारों और नैतिक मूल्यों की प्रतीक मानी जाती थीं।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट पैट्रिक हाई स्कूल (कराची) और बाद में डी.जी. नेशनल स्कूल, हैदराबाद (सिंध) में हुई, जहां से उनके वैचारिक और राजनीतिक दृष्टिकोण ने आकार लिया।आज 98 वर्ष की आयु में भी आडवाणी जी की विचारधारा और योगदान भारतीय राजनीति और लोकतंत्र की नींव में जीवित हैं। संगठन निर्माण, राष्ट्रवाद और जनसेवा के उनके सिद्धांत नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। प्रधानमंत्री से लेकर आम कार्यकर्ता तक, सभी के लिए आडवाणी का जीवन सेवा, समर्पण और सिद्धांतों की सुनहरी मिसाल है।