पटना के एयरपोर्ट और 7 सड़कों का निजीकरण तय, पटना से चलेंगी प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनें

Patna Desk

NEWSPR डेस्क: केंद्र ने निजीकरण के क्रम में एक बड़ा फैसला किया है। बिहार में कई सड़कों समेत बिहार एयरपोर्ट अब निजी हाथ में सौंपा जाने वाला है। सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च की है। जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों की सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी बेचकर या संपत्ति को लीज पर देकर कुल 6 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इसका पूरा खाका पेश करते हुए बताया कि लीज पर देने की प्रक्रिया चार साल, यानी 2025 तक चरणबद्ध तरीके से चलेगी।

 2023 में पटना एयरपोर्ट को लीज पर देने से मिलेंगे 1000 करोड़

इस लॉन्चिंग के तहत अब बिहार के पटना एयरपोर्ट को 2023 में निजी हाथों में सौंपा जाएगा। वहीं पटना जंक्शन से प्राइवेट ट्रेनें भी चलेंगी। बता दें कि इसके साथ ही बिहार की सात सड़कों को भी निजी संचालन के लिए दिया जाएगा। बिहार की 7 सड़कें {हाजीपुर-मुजफ्फरपुर -39 किमी {पूर्णिया-दालकोला-36 किमी {कोटवा-मेहसी-मुजफ्फरपुर-80 किमी {खगड़िया-पूर्णिया-70 किमी {मुजफ्फरपुर-सोनवर्षा-142 किमी {बाराचट्‌टी-गोरहर-80 किमी {मोकामा-मुंगेर-69 किमी को भी निजी हाथों में दिया जाएगा।

वहीं 1.52 लाख करोड़ रेलवे में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे। 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देंगे। पहाड़ी इलाकों में रेलवे संचालन भी निजी हाथों में जाएगी। इसमें कालका-शिमला, दार्जिलिंग, नीलगिरी ट्रैक शामिल हैं। चुनिंदा रेलवे कॉलोनी व 15 स्टेडियम भी लीज पर दिए जाएंगे। सरकार को हाईवे से ही सबसे ज्यादा पैसा मिलने की उम्मीद है। उत्तर भारत की 29 सड़कें, दक्षिण की 28, पूरब की 22 और पश्चिमी भारत की 25 सड़कें लीज पर दी जाएंगी। निजी क्षेत्र इनका संचालन निर्धारित अवधि तक करेंगे। यानि कि 27600 किमी हाईवे की सड़कें लीज पर दी जाएंगी। यह अवधि कितनी होगी, यह बाद में तय किया जाएगा।

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