दिल्ली दरबार में मंत्रीपद के लिए सुगबुगाहट शुरू, किसका क्या है हाल .. जानिए कौन से नेताजी कितने पानी में

Patna Desk

NEWSPR /DESK : 7 जुलाई यानि बुधवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार करेंगे। इसमें करीब 20 नये मंत्री शामिल किये जा सकते हैं। कुछ संभावित मंत्री, जो दिल्ली आ चुके हैं या जा रहे हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस, सुशील मोदी, तीरथ सिंह रावत, सर्वानंद सोनोवाल, पशुपति पारस, आरके रंजन सिंह, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, नारायण राणे और वरुण गांधी के नाम शामिल हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली के लिये उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की। सिंधिया ने कहा- मैं उज्जैन की यात्रा पर था। यहां अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, मैं दिल्ली जा रहा हूं। पिछले साल भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पतन में मुख्य भूमिका निभाई थी। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, जो भाजपा के फिर से चुने जाने के बाद हेमंत बिस्वा सरमा के लिये असम में मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिये सहमत हो गये थे, का भी केंद्रीय मंत्री बनना तय है।

 

इस बीच अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में बर्थ मिलने की खबरों के बीच चिराग पासवान ने मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि लोजपा कोटे से टूटे हुए गुट से किसी को भी मंत्रालय में नहीं लिया जाना चाहिये अन्यथा वे अदालत जायेंगे। इधर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) नरेंद्र मोदी सरकार में चार बर्थ हासिल करने की इच्छुक है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी आगामी विस्तार में दो कैबिनेट और दो एमओएस रैंक की बर्थ चाहती है। पार्टी 2019 में सरकार में शामिल नहीं हुई क्योंकि उसने मांग की थी कि किसी पार्टी द्वारा जीती गई लोकसभा सीटों की संख्या के अनुसार मंत्रालय दिये जाने चाहिये। लोकसभा में जदयू के 16 और बिहार से भाजपा के 17 सांसद हैं। पार्टी का तर्क है कि उसे चार बर्थ दी जानी चाहिये।

केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मुझे किसी भी फॉर्मूले के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन सारे मसलों पर बात कर रहे हैं। इसके लिये वह अधिकृत व्यक्ति हैं। जो कुछ भी करना है। विचार विमर्श आदि वे ही करेंगे। सूत्रों ने बताया है कि पश्चिम बंगाल केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि जद (यू) और अपना दल जैसे भाजपा के सहयोगियों को भी बेहतर प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

वर्तमान में, रिपब्लिकन पार्टी के नेता रामदास अठावले, शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल जैसी पार्टियों के भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के बाद सरकार में एकमात्र सहयोगी हैं।

 

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस विस्तार का हिस्सा होंगे या नहीं। पारस पार्टी के नियंत्रण के लिये पासवान के उत्तराधिकारी चिराग पासवान के साथ लड़ाई में लगे हुये हैं। मोदी के अलावा मंत्रिपरिषद की वर्तमान संख्या 53 है और इसकी अधिकतम संख्या 81 हो सकती है।

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