NEWSPR डेस्क। आज महान वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की पुण्यतिथि है। आज के दिन ही 18 जून 1858 को ग्वालियर में लड़ते लड़ते उन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उनको नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित की है। बता दें कि देश की स्वतंत्रता के दस्तावेजों पर 1857 की क्रांति की सबसे महान नायिका के तौर काशी की मनिकर्णिका, मनु, उर्फ महारानी लक्ष्मीबाई का नाम उल्लेखनीय रहा है।
महज 30 साल की उम्र में आज के ही दिन वह ब्रिटिशर्स से लड़ते-लड़ते शहीद हो गई थी। उनको एक महान योद्धा., वीरांगना और झांसी की रानी के रूप में याद किया जाता है। लक्ष्मीबाई अपने सौंदर्य शौर्य और साहस की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई केवल महिलाओं ही नहीं पुरुषों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत कही जाती हैं। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म यूपी (तब युनाइटेड प्रोविंस) के वाराणसी (तब काशी) में 19 नवंबर 1828 को एक ब्राह्मण परिवार के बीच हुआ था। बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका तांबे रखा गया था।
उनकी मौत को लेकर इतिहासकारों की अलग-अलग राय है। कुछ क कहना है कि उनकी मौत गोली लगने से हुई थी। तो कुछ कहते हैं कि ब्रिटिश आर्मी के सीनियर अफसर कैप्टन ह्युरोज की तलवार लगने की वजह से हुई थी, रानी की मृत्यु के पश्चात कैप्टन ह्युरोज ने रानी लक्ष्मीबाई को सैल्यूट किया था। आज के दिन हम उनके बलिदान दिवस के रूप में मनाते हैं। उनको याद करते हैं।