NEWSPR डेस्क। पटना देश भर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर लॉक डाउन की घोषणा की गयी थी. कई राज्यों से प्रवासी मजदूर कोरोना काल में बेरोजगारी की मार झेल वापस अपने घरों की ओर रवाना हो गए है और हो रहें है. इस कोरोना काल में लोगों के सामने सबसे अहम रोल बेरोजगारी ने दिखाया। आर्थिक मार जहां एक ओर राज्य और पूरा देश झेल रही थी तो दूसरी ओर इसके नतीजे आम लोगो के जीबन पर भी कोरोना ने दिखाना शुरू कर दिया।
हालांकि केंद्र सरकार ने लोगो को खाने पीने की समस्या से थोड़ी राहत राशन कार्ड बनवाकर जरूर करने की पहल की गई पर मुनाफा खोरी और जमाखोरों के कारण लाभुकों को इसका खामियाजा झेलना पड़ रहा है. बीते वर्ष भी कोरोना का कहर देखने को मिला अब कोरोना के दूसरे फेज में लॉक डाउन की इसकी अवधि बढाकर 25 मई तक कर दी गयी है.
हालाँकि इस दौरान लोगों को खाने पीने की कोई परेशानी न हो इसके लिए लाभुकों को प्रति यूनिट मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. हर लाभुक को 3 किलो गेंहूँ और दो किलो चावल दिया जा रहा है. इसी कड़ी में पटना के वार्ड संख्या 42 के भी लाभुकों को इस योजना का लाभ दिया जाना था. बाबजूद इसके शनिवार को लाभुकों ने वार्ड 42 के राशन दुकानो पर जमकर हंगामा किया
लाभुकों का आरोप है की उन्हें तय मानकों का आधा अनाज ही दिया जा रहा है. आधे अनाज की कटौती कर कालाबाजारी की जा रही है. दूकानदार पर उन्होंने आरोप लगाया की मशीन से निकलने वाली रसीद भी उन्हें नहीं दी जा रही है. इस शिकायत को लेकर उन्होंने मौके पर स्थानीय वार्ड 42 के पार्षद को बुलाया और जमकर हंगामा किया. हालाँकि काफी देर तक उन्हें समझाने की कोशिश की जाती रही. लेकिन उनका गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा था. लाभुकों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है ।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…