बिहार में 16 अगस्त से पूरे राज्य में राजस्व महाअभियान की शुरुआत होने जा रही है। इस दौरान राजस्व विभाग की टीमें गांव-गांव और घर-घर जाकर जमीन से जुड़े सभी रिकॉर्ड को अपडेट करेंगी। अभियान का मुख्य उद्देश्य है— जमाबंदी को दुरुस्त करना, डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड की गलतियों को सुधारना और छूटे हुए मामलों को ऑनलाइन दर्ज करना।
अभियान के तहत होंगे ये काम
इस महाअभियान में जमीन के दस्तावेजों से जुड़ी तमाम गड़बड़ियों को सुधारा जाएगा। जिन जमाबंदियों में त्रुटियां हैं, उन्हें ठीक किया जाएगा और जिनका ऑनलाइन रिकॉर्ड अभी नहीं है, उन्हें भी जोड़ा जाएगा। उत्तराधिकार और संयुक्त संपत्ति के बंटवारे से जुड़े नामांतरण (म्यूटेशन) के लिए भी आवेदन लिए जाएंगे।
राजस्व विभाग की टीमें लोगों के घर जाकर जमाबंदी की कॉपी और आवेदन फॉर्म देंगी। इसके बाद गांवों में शिविर लगाकर सभी दस्तावेज और आवेदन जमा किए जाएंगे। कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग देने की घोषणा की है।
मृत्यु प्रमाण पत्र सबसे जरूरी
जिन लोगों की जमीन अब भी पूर्वजों के नाम पर दर्ज है और वे उसे अपने नाम पर करना चाहते हैं, उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) रखना जरूरी होगा। बिना इसके नामांतरण संभव नहीं होगा। साथ ही, वंशावली और सही खाता-खेसरा विवरण भी देना होगा।
गलतियों के लिए आवेदन प्रक्रिया
अगर ऑनलाइन जमाबंदी में नाम, खाता, खेसरा, रकबा या लगान से संबंधित कोई गलती है, तो फॉर्म भरकर उसका सुधार कराया जा सकता है। आवश्यक दस्तावेज जैसे पूर्वज का मृत्यु प्रमाण पत्र और वंशावली के साथ फॉर्म को राजस्व महाअभियान के शिविर में जमा करना होगा।
अच्छा काम करने वालों को मिलेगा पुरस्कार
अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को तीन स्तरों— अंचल, जिला और राज्य— पर सम्मानित किया जाएगा। अंचल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ तीन पंचायतें, जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ तीन अंचल और राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ तीन जिलों को पुरस्कार दिया जाएगा।