NEWSPR डेस्क। बेतिया में पुलिस हिरासत में शनिवार को एक युवक की मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और जमकर बवाल काटा। नाराज भीड़ ने बलथर थाना और पुलिस गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। साथ ही उग्र भीड़ की ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग भी की। ग्रामीण और पुलिस की इस हिंसक झड़प में एक पुलिसकर्मी राम जतन सिंह की मौत हो गई। ऐसे में अब इस मामले में एक नया मोड आ गया है। 6 घंटे बाद मामले को शांत कराने के बाद एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने मामले को लेकर अपना बयान दिया। उन्होंने बताया कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं बल्कि मधुमक्खियों के काटने से हुई।
बेतिया एसपी ने कहा कि थाना परिसर में मधुमक्खी का का छत्ता लगा था। जहां मधुमक्खी के काटने से युवक की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में अस्पताल ले जाने के दौरान युवक की मौत हो गई। लेकिन गांव में ये अफवाह उड़ गई कि पुलिस की पिटाई से युवक की मौत हो गई। इस बात से गांव के लोग उग्र हो गए और थाने पर धावा बोल दिया। गुस्साए लोगों ने फायरिंग की और तोड़फोड़ कर दी। इस घटना में गोली लगने से पुरुषोत्तमपुर थाने के हवलदार की मौत हो गई। इस दौरान उग्र भीड़ ने तीन पुलिस की गाड़ी, एक अग्निशमन की गाड़ी और दो प्राइवेट गाड़ियों में आग लगा दी गई। एसपी ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
बता दें कि शनिवार दोपहर पुलिस ने एक व्यक्ति को गश्ती के दौरान डीजे बजाने पर थाने ले आई थी। पुलिस कस्टडी में ही युवक की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को बट से पीटा, इसकी वजह से उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों के साथ हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने बलथर थाना घेर लिया। थाने में तोड़फोड़ के बाद पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। थाने की 3 गाड़ियों को ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया। थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों को पीटना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मियों ने जान बचाकर खेतों में दौड़ लगा दी। पीछे से उग्र भीड़ पत्थर फेंकती रही। वहीं, बलथर चौक पर एक पुलिस जीप में भी तोड़फोड़ कर दी।