राजधानी पटना की सड़कों पर शुक्रवार को एक बार फिर गहमागहमी देखने को मिली। शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (TRE-4) में रिक्तियों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। सुबह पटना कॉलेज से जुलूस की शुरुआत हुई और इसके बाद सीएम आवास घेराव का ऐलान किया गया। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए जेपी गोलंबर और डाकबंगला चौराहे पर भारी पुलिस बल और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है। आंदोलन का नेतृत्व छात्र नेता दिलीप कर रहे हैं।
उम्मीदवारों की नाराज़गी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार लगातार भर्ती प्रक्रिया को टाल रही है। लाखों योग्य अभ्यर्थी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, लेकिन केवल 26 हजार से अधिक पदों पर बहाली से समस्या का समाधान नहीं होगा। उनका आरोप है कि शुरुआत में सरकार ने 1 लाख से अधिक नियुक्तियों का भरोसा दिलाया था, मगर अब संख्या घटा दी गई है।
आचार संहिता से पहले विज्ञापन की मांग
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार ने मई में TRE-4 का विज्ञापन जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम सामने नहीं आया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले विज्ञप्ति नहीं निकाली गई, तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
पिछली बार भिड़े थे अभ्यर्थी-पुलिस
9 सितंबर को भी TRE-4 अभ्यर्थियों ने सीएम हाउस की ओर मार्च किया था। उस समय पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प हुई थी। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था, जिसमें कई उम्मीदवार घायल हो गए थे और कई हिरासत में भी लिए गए थे।
सरकार का पक्ष
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि चौथे चरण में 26 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 तक आयोजित होगी और परिणाम 20 से 26 जनवरी 2026 के बीच घोषित किए जाएंगे।