पटना: भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। नए दिशा-निर्देशों के तहत, यदि जमीन अधिग्रहण के बाद भू-स्वामी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रितों को मुआवजा प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना होगा।
50 लाख से अधिक मुआवजा? कोर्ट से लेना होगा प्रमाण पत्र
नए नियमों के अनुसार, अगर अधिग्रहण के बाद मिलने वाला मुआवजा 50 लाख रुपये से अधिक है, तो मृतक के आश्रितों को अदालत से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Inheritance Certificate) लेना अनिवार्य होगा। बिना न्यायालय के आदेश के इतनी बड़ी रकम सीधे नहीं दी जा सकेगी।
50 लाख से कम राशि के लिए सरल व्यवस्था
वहीं यदि मुआवजा राशि 50 लाख रुपये से कम है, तो आश्रितों को कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस स्थिति में अंचलाधिकारी (CO) द्वारा जारी किए गए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर भुगतान किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए भी अंचलाधिकारी को सभी दस्तावेजों की जांच कर संतुष्टि हासिल करनी होगी।
क्षतिपूर्ति बंध पत्र भी होगा जरूरी
इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए, मुआवजा प्राप्त करने वाले व्यक्ति को एक क्षतिपूर्ति बंध पत्र (Indemnity Bond) देना होगा। इसमें यह वचन देना होगा कि यदि भविष्य में कोई और व्यक्ति उस जमीन पर अपना दावा साबित करता है, तो वह मुआवजा राशि पूरी या आंशिक रूप से सरकार को लौटाएगा।