ग्रामीण इलाकों में संपर्क सुविधा मजबूत करने के लिए नीतीश सरकार ने एक बड़ी योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना के तहत अगले डेढ़ साल में 450 से ज्यादा पुलों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना को सितंबर 2024 में मंजूरी मिली थी और इसका मकसद खासतौर पर उन गांवों तक बेहतरीन सड़क संपर्क सुनिश्चित करना है, जहां बारिश, बाढ़ या जर्जर हो चुके पुलों के चलते लोगों को बार-बार परेशानी झेलनी पड़ती है।ग्रामीण कार्य विभाग इस योजना पर तेजी से काम कर रहा है।
विभाग के अनुसार, जून-जुलाई 2025 तक सभी प्रस्तावित पुलों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और तय समय सीमा के भीतर काम भी पूरा कर लिया जाएगा। इन पुलों के निर्माण पर लगभग 2,977 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। शुरुआती चरण में 14 पुलों को प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है, जिन पर करीब 117 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बाकी परियोजनाओं की स्वीकृति भी जल्द ही दी जाएगी।बाढ़ और बरसात में टूटने वाले संपर्क को स्थायी समाधानराज्य के कई गांवों में हर साल बाढ़ और बारिश के कारण संपर्क साधन पूरी तरह ठप हो जाते हैं। नए और मजबूत पुलों का निर्माण इन इलाकों में आवागमन को साल भर सुचारू बनाए रखने में मदद करेगा। साथ ही कई ऐसे स्थानों पर भी नए पुल बनाए जाएंगे जहां अब तक पुल का निर्माण ही नहीं हुआ था, जिससे अधूरी सड़कें पूरी होंगी और यातायात नेटवर्क बेहतर होगा।इसके अलावा उन पुराने पुलों के पास एप्रोच रोड भी तैयार किए जाएंगे, जहां अभी तक इस सुविधा की कमी है, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतें होती हैं।ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास को मिलेगा बलसरकार का मानना है कि यह योजना महज पुल निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण इलाकों के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नए पुल बनने से किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाना आसान होगा, बच्चों की स्कूल तक पहुँच सुगम होगी और चिकित्सा आपातकाल के समय अस्पतालों तक पहुंचने में भी सुविधा मिलेगी।ग्रामीण कार्य विभाग इन पुलों के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार कर रहा है और कोशिश है कि बरसात से पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
साथ ही सभी जिलों से भेजे गए प्रस्तावों की समीक्षा जिला संचालन समितियों की सिफारिशों के आधार पर की जा रही है, जिससे परियोजनाओं की चयन प्रक्रिया पारदर्शी और तेज हो सके।निर्माण जिम्मेदारियों का स्पष्ट बंटवारा100 मीटर तक के छोटे पुलों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग करेगा, जबकि इससे बड़े पुलों के निर्माण की जिम्मेदारी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम (BRPNN) को सौंपी जाएगी।यदि यह योजना तय समय और गुणवत्ता के साथ पूरी होती है, तो बिहार के ग्रामीण इलाकों में आवागमन की तस्वीर बदल जाएगी और आर्थिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं तक लोगों की पहुँच पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएग