पटना, 28 मई- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष पहल पर शुरू की गई महिला संवाद कार्यक्रम से ग्रामीण इलाकों की मूलभूत समस्याएं सामने आ रही हैं। खासकर ऐसी समस्याएं जिनसे महिलाओं का सीधा सरोकार रहता है। 18 अप्रैल से पूरे राज्य में शुरू हुई महिला संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 9 लाख 46 हजार से अधिक अलग-अलग तरह के सुझाव/आकांक्षाएं प्राप्त हो चुके हैं। इनके समुचित समाधान के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने एक खास प्रणाली विकसित की है। महिला संवाद एप नाम से विकसित इस ऑनलाइन प्रणाली के तहत पहले सभी सुझावों /आकांक्षाओं को अपलोड किया जाता है। फिर से इन पर समुचित समाधान के लिए जिला से लेकर राज्य मुख्यालय स्तर तक कार्रवाई की जाती है।
संवाद के दौरान ग्रामीण महिलाओं से उनके क्षेत्र में सड़क, नाली, स्कूल समेत अन्य के निर्माण के अलावा शिक्षा समिति की बैठकें, हर घर नल का जल योजना, पीएम आवास योजना से जुड़े सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। इस एप के जरिए समाधान की प्रक्रिया को गति देने के लिए बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग में एक विशेष बैठक विभागीय सचिव लोकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि महिला संवाद में आने वाली सभी सुझावों/ आकांक्षाओं को इस विशेष एप पर ग्राम संगठनों के स्तर से अपलोड किया जाता है। प्रखंड स्तरीय जीविका कार्यालय के स्तर से इस पर तमाम डाटा और संबंधित महिला की तरफ से आए सुझावों को समुचित तरीके से दर्ज किया जाता है। इसका शुरुआती अवलोकन जीविका के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) करते हैं। इसके लिए सभी डीपीओ को एक-एक लॉगइन आईडी बनाकर दी गई है। इन सभी स्तर पर अवलोकन करने के उपरांत इसे संबंधित जिलों के डीएम को भेजा जाता है। जिन समस्याओं का समाधान डीएम के स्तर पर होना संभव होता है, उसका समाधान कर लिया जाता है।
इसके बाद जिन समस्याओं का समाधान उनके स्तर से नहीं होता है या होना संभव नहीं होता है, उसे राज्य मुख्यालय में संबंधित विभागों को भेज दिया जाता है। ताकि इन समस्याओं का समुचित तरीके से समाधान हो सके।
सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा की महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार के स्तर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को अवगत कराना भी महिला संवाद कार्यक्रम का उदेश्य है। इस बैठक के दौरान जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा एवं अन्य विभागीय नोडल पदाधिकारी मौजूद थे।