मुंगेर के तारापुर से आज बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन के बाद गाजीपुर मैदान में जनसैलाब उमड़ पड़ा, जहां मंच पर उनके पिता शकुनी चौधरी, बड़े भाई रोहित चौधरी और हजारों समर्थक मौजूद थे। लेकिन इसी भीड़ के बीच एक तस्वीर ने सबका दिल जीत लिया — एक सादगी भरा और भावनाओं से जुड़ा दृश्य, जो चर्चा का केंद्र बन गया।
मंच पर जहां सम्राट चौधरी समर्थकों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे, वहीं नीचे आम लोगों के बीच उनकी पत्नी कुमारी ममता बिल्कुल साधारण अंदाज में बैठी दिखाई दीं। न कोई विशेष व्यवस्था, न वीआईपी कुर्सी — बस एक आम कार्यकर्ता की तरह जनता के बीच बैठकर अपने पति के समर्थन में शामिल हुईं।
मीडिया ने जब उनसे इस सादगी पर सवाल पूछा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “हमारे पति पूरे बिहार के लिए काम करते हैं, और मैं उनके लिए घर-घर जाकर वोट मांगूंगी। मैं भी पार्टी की एक कार्यकर्ता हूं। समाज सेवा हमारे परिवार की परंपरा है, और मुझे यकीन है कि मेरे पति 40 से 50 हजार वोटों से जीत दर्ज करेंगे।”
कभी तारापुर की राजनीति में उनके पिता शकुनी चौधरी ने नींव रखी थी, और अब सम्राट चौधरी उसी धरती से नया इतिहास रचने की तैयारी में हैं।
सभा में उपस्थित लोग जहां सम्राट चौधरी के नामांकन के जोश में थे, वहीं उनकी पत्नी की सादगी और समर्पण ने सभी का दिल जीत लिया। लोग कहते सुने गए — “नेता मंच पर चमकते हैं, लेकिन असली प्रेरणा अक्सर भीड़ में बैठी होती है।”