संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती के पावन अवसर पर, हम सभी को उनके दिखाए रास्ते पर चलने और समाज में समानता एवं प्रेम की भावना फैलाने का प्रेरणा मिलती है। उनकी शिक्षाएं और उपदेश आज भी हमारे दिलों में गहरे बसे हुए हैं। रविदास जी ने अपनी पूरी जिंदगी इंसानियत और सच्चाई की ओर मोड़ी, और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए आवाज़ उठाई।
उनकी जयंती पर हम उनके योगदान को याद करते हुए, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।””इस अवसर पर एक प्रेरणादायक कविता के कुछ पंक्तियाँ भी प्रस्तुत हैं:’रही हसरत सदा दिल में नहीं दुख में रहे कोई,नहीं नयना दिखें आंसू न दुख में बन रहे खोई।जमाना जो रहा पहले वहीं सबको सदा पाना,समय के संग रहना है नहीं खाली हो बटलोई।’