NEWSPR डेस्क। पटना में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश की अधिकारियों के साथ शराबबंदी को लेकर चल रही हाईलेवल मीटिंग खत्म हो गई। इस मीटिंग में शराब से जुड़े सारे कांड का ठिकरा थानाध्यक्ष पर फोड़ा गया है। मीटिंग में शराबबंदी से जुड़ी पूरी जिम्मेदारी थानाध्यक्ष पर सौंपी गई है। यदि किसी भी इलाके में फिर से शराब की बरामदगी होगी तो जाएगी थानेदारी।
इसके अलावा थानाध्यक्ष की सीधी भूमिका होने पर 10 सालों तक थानेदारी से भी वंचित होना पड़ेगा। इसके अलावा कहा कि कार्रवाई केवल थानेदार पर नहीं बल्कि दोषि पाए जाने पर अधिकारियों पर भी होगा। बता दें कि करीब 6 घंटे से ज्यादा से चल रही मीटिंग में तमाम अधिकारी और मंत्री मौजूद थी। मुख्यमंत्री ने राज्य में बीते दिन जहीरीली शराब से हुई मौतों की समीक्षा करते हुए सख्त निर्देश दिए हैं। डीजीपी व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस जिसमें उन्होंने बताय़ा कि मुख्यमंत्री ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। इसके अलावा
इसके अलावा कहा कि अब सेंट्रल टीम छापेमारी अभियान चलाएगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। किसी भी जिले के थाने में केंद्रीय टीम जाती है और शऱाब बरामद होती है तो थानेदार पर कार्रवाई होगी। हमारा प्राईमरी ड्यूटी क्राइम कंट्रोल है इसमें कोई कमी नहीं करते हुए शराबबंदी को भी सफल बनाना है।
जिन थाने में शराब को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई उन पर कार्रवाई करें। सारे प्रभारी मंत्री व सचिव को कहा गया कि वे कम से कम एक दिन प्रभार वाले जिलों में जाकर समीक्षा करें। अगर सरकारी कर्मी की मिलीभगत से शराब आ रही उसे माफ नहीं करने का निर्णय लिया गया। वहीं दूसरे राज्यों से जो शराब आ रहे हैं उस पर कार्रवाई करना है। मुख्याल्य स्तर के अधिकारी लगातार फील्ड में जायेंगे और शराबबंदी को सफल बनायेंगे।