भागलपुर बिहार की स्वर कोकिला सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जिंदगी की जंग हार चुकी है उनके निधन से बिहार ही नहीं देशभर में शोक की लहर है दिल्ली एम्स में पिछले दिन मंगलवार को उन्होंने आखिरी सांसें ली, छठ महापर्व के पहले ही दिन स्वर कोकिला पद्मश्री, पद्मभूषण शारदा सिन्हा छठी मैया के पास चली गई है, अपने जानदार आवाज और दिल में बस जाने वाले छठ गीतों की वजह से उन्होंने काफी प्रसिद्धि पाई है आपको बता दें कि लोक गायिका शारदा सिन्हा का भागलपुर से भी नाता रहा है,वह कुछ साल पहले भागलपुर आयी भी थी दरअसल उनका एक भतीजा भागलपुर में रहता है जो पेशे से नेत्र रोग विशेषज्ञ है, उनका नाम संजय शर्मा हैं, और इनके घर ही शारदा सिन्हा का आना हुआ था हाल में भी पटना में उन्होंने शारदा सिन्हा से मुलाकात भी किया था,जिसपर उनसे बातचीत में बोली थी मैं जल्द ही स्वस्थ हो जाऊंगी, फिलहाल संजय शर्मा शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने में अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पटना रवाना हो गये हमने शारदा सिन्हा के व्यक्तित्व को और भी नजदीक से जानने का प्रयास किया, संजय शर्मा ने बताया कि हमारे लिए वह सेलिब्रिटी के तरह नहीं थी हम लोग उनसे ‘ये फुआ ओ फुआ’ कहकर उनसे बातचीत किया करते थे.
आगे संजय शर्मा ने बताया कि हमारी मां से भी वह काफी अटैच थी, कार्यक्रम के दौरान जब उनका भागलपुर आना होता था वह मुझे बोलती थी संजय ज्यादा देर नहीं रुकेंगे थोड़ी देर रुकेंगे नाश्ता पानी करेंगे और चले जाएंगे, और चार-पांच साल पहले वह यहां आई थी शाम के समय आई नाश्ता पानी हुआ कुछ बातचीत हुई और फिर वह चली गई खाने में उन्हें बेहद सिंपल खाना पसंद था जैसे भूजा, रोटी, साग, दाल, जो खाना हम लोगों के मिथिला कल्चर में चलता है वही खाना उन्हें पसंद था वो देवघर से एक कार्यक्रम करके भागलपुर से होकर गुजर रही थी तभी उन्होंने फोन की मैं आ रही हूं वो घर पर आई वहां करीब दो घण्टे तक बातचीत हुई खाना भी यहीं हुआ था वो जमीन से जुड़ी कलाकार थी छठ पर्व में जाना खुशी का भी एहसास दिलाती है लेकिन उनके जाने का दुःख भी है जाना तो एक दिन सबको है लेकिन जिनके लिए उन्होंने अपनी जिंदगी समर्पित की उनके बुलावे पर ही वो चली गई, जब अस्पताल में थी तो अंशुमान से हम लोग बातचीत कर उनका हाल-चाल जानते थे उनकी शख्सियत उनका अंदाज और उनके व्यवहार को हमेशा याद रखा जाएगा, भगवान उनको अपने श्री चरणों मे स्थान दें।